सफलता पाने के लिए हार्ड वर्क की जरूरत होती है लेकिन अब दुनिया बदल रही हैं और कठोर परिश्रम की जगह स्मार्ट वर्क ने ले ली है। अभी स्मार्ट वर्क करने वाले जल्दी सफल होते हैं। आज तक मैं आपको हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क के बारे में बता रहा हूं कि यह क्या है और इन दोनों में क्या फर्क है।
काम तो सभी करते हैं लेकिन सभी को सफलता नहीं मिलती है। इसकी सबसे बड़ी वजह होती है hard work के साथ smart work यानी परिवर्तन को नहीं अपनाना। आज सब कुछ बदल गया है और आगे भी बदलती रहेगी इसलिए अगर आपको हर काम में सफल होना है तो स्मार्ट वर्क को अपनाओ।
हार्ड वर्क से सफलता मिलती भी है तो बहुत समय बाद मिलती है और उसमें समय के साथ हमारी एनर्जी भी बर्बाद होती है। मैं 2 दिन के काम को 10 दिन में करने को सफलता नहीं कहूंगा बल्कि मैं चाहता हूं कि हम उस काम को 2 दिन की जगह एक ही दिन में खत्म करें और समय और अपनी ताकत बचाएं।
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अगर आप हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क के बारे में समझ नहीं पा रहे हैं और आपको दोनों के बारे में कन्फ्यूजिंग है तो कोई बात नहीं इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप इन के बारे में सब कुछ जान चुके होंगे।
हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क में क्या अंतर है? कौन सा जरूरी है
हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क में क्या फर्क है और दोनों में से कौन सा ज्यादा बेहतर है? यह सवाल सबसे ज्यादा जरूरी है और जो इसके महत्व को समझ लेता है उसे सफलता जरूर मिलती है।
- हार्ड वर्क काफी पुराना है लेकिन कुछ समय पहले ही आया है।
- Hard work में शारीरिक और दिमाग की मेहनत ज्यादा करनी होती है और समय भी ज्यादा लगता है लेकिन स्मार्ट वर्क में शारीरिक और दिमागी मेहनत पिकअप करनी होती है और समय भी कम लगता है।
- किसी भी काम को उसके तरीके से करना हार्ड वर्क और उसी काम को अपने तरीके से करना स्मार्ट वर्क कहलाता है।
- हार्ड काम का मतलब बॉडी से काम करना और स्मार्ट वर्क का मतलब दिमाग से काम करना।
- हार्ड वर्क बहुत कठिन और उबाऊ होता है जबकि स्मार्ट और सरल और मजेदार होता है।
- हार्ड में आपकी ताकत का इस्तेमाल होता है जबकि स्मार्ट औरतों में आपकी बुद्धि का इस्तेमाल होता है।
- हार्डवर्क ज्यादातर सिर्फ सैलरी के लिए किया जाता है और स्मार्ट वर्क सैलरी के साथ एक्स्ट्रा बोनस के लिए किया जाता है।
- हार्ट अटैक से आपको सिर्फ अच्छा परिणाम मिलता है जबकि स्मार्ट वॉच आपको फंटास्टिक परिणाम मिलता है।
Hard work = more work + more time
Smart work = less work + less time
Hard work = more physically power + less mentally power = work not continue for long time
Smart work = less physically power + more mentally power = work continue for long time
Hard work से आप सफल तो हो सकते हैं मगर लंबे समय तक काम नहीं कर सकते हैं जबकि स्मार्ट वर्क से आप सफलता के साथ लंबे समय तक काम भी कर सकते हैं क्योंकि एक में शरीर का इस्तेमाल होता है जो काफी समय तक अच्छा काम नहीं कर सकता पर आपका दिमाग शरीर से ज्यादा समय तक काम कर सकता है।
Hard Work: आपने बचपन में स्कूल में कौवे की कहानी जरूर सुनी और पड़ी होगी जिसमें कौवा पानी पीने के लिए एक घर के पास जाता है उसे वहां एक मटका मिलता है लेकिन उसमें पानी बहुत कम होता है। वह मटके में कंकर, पत्थर डालकर पानी को ऊपर लाता है और पानी पीता है।
Smart Work: आज कौवे कि वह कहानी बदल गई है और अब वही प्यासा कौवा कंकर की जगह लकड़ी के पतले पाइप का इस्तेमाल करके पानी पीता है जिसमें उसे बहुत मेहनत नहीं करनी पड़ती और समय भी कम लगता है।
फोटो में आप साफ देख सकते हैं कि समय कितना बदल गया है और किसकी जगह किस ने ले ली है। इस तरह लकड़ी के गट्ठर को अपने सर पर रख कर ले जाना और उसी को अपनी बाइक है किसी और साधन पर रख कर ले जाना हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क का सबसे बड़ा उदाहरण है।
अगर आपको अभी भी हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क के बारे में गलतफहमी है तो आइए मैं आपको इसे समझाने के लिए एक छोटी सी कहानी सुनाता हूं। इसे पढ़ने के बाद आप सब कुछ समझ जाओगे।
मोहन एक कुल्हाड़ी और रस्सी ले कर जंगल की और जाने लगा तभी पीछे से आवाज़ आई “सुनिये आज कुछ ज्यादा लकड़ी काट कर लाना अन्नाज पिसने वाली के पैसे देने हैं पता नहीं तुम क्या करते हो दीनू काका तुमसे पीछे जाते है फिर भी तुमसे ज्यादा लकड़ी काट कर लाते हैं।” ये मोहन की बीवी की आवाज़ थी जिसे कल शाम को ही आटा पिसाई के समय पर पैसे न देने की वजह से खरी खोटी सुननी पड़ी थी।
मोहन ये सब सुनते हुए चुपचाप जंगल की और चला गया. रास्ते में वो इसी के बारे में सोचता रहा। जंगल पहुचते ही वो अपने दोस्तों से मिला और उन सबसे कहा की दोस्तों हम रोज सभी दीनू काका और रामू काका के साथ लकड़ी काटने आते हैं वो हमसे ज्यादा लकड़ी काट कर ले जाते है जबकि वो दोनों बुट्ठे है और हम जवान फिर हम उनसे ज्यादा लकड़ी क्यों नहीं काट पाते।
अगले दिन मोहन ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर एक योजना बनायीं और उन्होंने दीनू काका और रामू काका के साथ शर्त लगायी की आज वो उनसे ज्यादा लकड़ी काटेंगे और वो बिल्कुल साथ – साथ काम करेंगे उनके साथ ही आराम करेंगे और उनके संग ही खाना खायेंगे।
मोहन और उसके साथियों ने सारा दिन अपनी पूरी ताकत से लकड़ी काटी और उन्हें पूरा विश्वास था की आज वो दिनू काका और रामू काका को जरुर हरा देंगे।
शाम हो गयी और सभी लोग अपने अपने लकडियो के गट्ठर ले कर एक जगह इकट्ठा हुए मगर ये क्या मोहन की आँखे रामू काका और दीनू काका के गट्ठर देख कर खुली की खुली रह गयी क्युकी उनकी लकड़ी मोहन और उसके दोस्तों की लकडियो से अभी भी ज्यादा थी।
मोहन और उसके साथियों को इस पर विश्वास ही नहीं हुआ की वो शर्त हार गए हैं। आखिर में मोहन ने दीनू काका से पुछा ही लिया की “आप दोनों बुट्ठे होने पर भी हमसे ज्यादा लकड़ी कैसे काट लाये और हम जवान होने पर ही ऐसा न कर सके आखिर इसकी वजह क्या हैं।
दीनू काका मुस्कुराये और मोहन से बोले “बेटे सिर्फ मेहनत करने से हम जीत नहीं सकते, मेहनत के साथ हमे होशियारी से भी काम करना चाहिए। जब हम सब दोपहर में आराम कर रहे थे तो तुमने हमे देखा होगा की हम बात करने के साथ साथ अपनी कुल्हाड़ी पत्थर पर रगड़ कर तेज कर रहे थे जबकि तुम सिर्फ हंस हंस कर बात कर रहे थे। बहुत दिनों तक कुल्हाड़ी तेज नहीं करने की वजह से तुम उससे ज्यादा लकड़ी नहीं काट पाये।”
मोहन पहले तो इसके बारे में सोचता रहा पर थोड़ी देर मे ही उसे सबकुछ समझ आ गया की तेज धार वाले हथियार से ज्यादा लकड़ी काटी जा सकती है बिना तेज धार हथियार के ज्यादा ताकत लगाने से कोई फायदा नहीं हैं।
उम्मीद है मोहन के साथ आपको भी सब कुछ समझ आ गया होगा कि हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क में क्या फर्क है। इसलिए हार्डवेयर के साथ ही स्मार्ट हो रहा करना भी शुरू कर दीजिए क्योंकि सफलता तो दोनों दिल आते हैं लेकिन स्मार्ट औरत से जल्दी सफलता मिलती है और आज लोग उसे ही असली सफलता मानते हैं।
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मैं मानता हूं कि हार्ड वर्क जरूरी है लेकिन आज के समय में स्मार्ट वर्क इससे भी ज्यादा जरूरी हो गया है। सफल आदमी उसे ही कहते हैं जो सालों के काम को महीनों में करके दिखाता है और जो अपने तरीके से यानी सबसे अलग तरीके से काम करता है।
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Hello sir mera Javed mai up ka rhne walo maine inter pass ki or ITI bhi ki hue hai sir mai bhut canfuse,hun ki mai kayab hone ke liye kiya kro mujhe job mai koi interest nhi hai mai ek success man banna chahta hun samajh ni aa rha khan se suruwat kro or aisa kiya kru
mujhe jayda kr logo ki help krna unka sath dena accha lgta hai unse baat krna unki problem ko samajhna mai logo ke Dil mai bsna chahta hun
अगर ऐसा है तो आप अपने interest के टॉपिक पर व्लोग्गिंग या ब्लॉग्गिंग कर सकते हो
Hello sir mera abhi collage chal Raha hai mai padhi ke alava kuchh alag karna chahti hu but samjhe me nhi ata kya karu
Yesa kuch karna chahti ki mai logo ki madad kar saku lekin kis tarike se karu
sir me ak pesticides vikreta hu , tatha apne vyapar ko marketing ke rup me vikshit krna chahta hu, chuki ye vyapar kisano se juda hua vyapar he , isme bhinna bhinna prakar ke log hote he jese koi kam parha likha, thoda adiyal rawaiye wala , inke sath vyapar ko smart marketing me kese davelop karu…
Aapko bas pyar se baat karni hai baki unki galat bato ko ignore kare, dekhna sabhi aapse hi dawa lene lagenge.
सही जानकारी दी है आपने
bht ache se smjhaya apne bhai
but i think hard work and smart work dono se hi chalna chahiye..