क्या आपने कभी सोचा है की एक आदमी डॉक्टर, IPS, IAS, वकील, MBA, विधायक, पीएचडी, अभिनेता, पेंटर और फोटोग्राफर हो सकता हैं। इसका उदाहरण है श्रीकांत जिचकर, ये वो व्यक्ति है जिन्हें भारत के सबसे योग्य व्यक्ति का दर्जा दिया गया हैं क्योंकि ये अकेले ऐसे शख्स थे जिनके पास 20 बड़ी डिग्रीयां थी। भारत के सबसे योग्य व्यक्ति की कहानी (Story of India’s Most Qualified Person in Hindi.)
डॉ श्रीकांत जिचकर उन सभी के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा है जिनके लिए एक educational degree अर्जित करना मुश्किल है, यहाँ तक की इस उन्नत युग में लोगों के पास प्रौद्योगिकी तक पहुँच है।
लेकिन डॉक्टर श्रीकांत जिचकर ने उस समय में 20 से अधिक डिग्री अर्जित की जब मोबाइल, इंटरनेट या यहाँ तक की कंप्यूटरों की शिक्षा संबंधित पहलुओं को सीखने में, मदद करने वाली कोई भूमिका नहीं थी।
डॉ. श्रीकांत जिचकर जिन्हें “भारत का सबसे योग्य व्यक्ति” माना जाता है। वो महज 25 साल की उम्र में विधान सभा के सदस्य बने और सफलतापूर्वक अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
यहाँ आपको Dr. Shrikant Jichkar के बारे में कुछ ऐसी बाते पढ़ने को मिलेंगी जो आपको अपनी आरामदायक कुर्सी से उठने, जीवन में कुछ कर गुजरने और हासिल करने के लिए प्रेरित करेंगी।
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भारत के सबसे योग्य व्यक्ति डॉ. श्रीकांत जिचकर की कहानी (Story of Dr. Shrikant Jichkar, India’s Most Qualified Person)
डॉ. श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को स्वतंत्रता के सात साल बाद महाराष्ट्र के नागपुर जिले के काटोल के पास आजगाँव में एक अमीर मराठा परिवार में हुआ था। डॉ श्रीकांत जी ने अपने जूनून का पीछा किया और अपने समर्पण से 20 से अधिक डिग्री हासिल की।
श्रीकांत जिचकर का नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में भारत के सबसे योग्य व्यक्ति के रूप में गर्व से दर्ज किया गया हैं। उन्होंने 1972 और 1990 के बीच 42 विश्वविधालय स्तर की परीक्षाएं दी जिनमे से 20 में वो पास हुए और ज्यादातर में वो फर्स्ट डिवीजन से पास हुए थे।
शिक्षा (उपलब्धियां)
अपने जीवनकाल के दौरान श्रीकांत जिचकर ने 42 विश्वविधालयों में से 20 बड़ी डिग्रीयां हासिल की, जो निम्न प्रकार हैं।
- मेडिकल डॉक्टर, MBBS और MD (Medical Doctor, MBBS and MD)
- Law, LL.B
- अन्तर्राष्ट्रीय कानून, LL.M. (International law)
- बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, DBM और MBA
- पत्रकारिता में स्नातक (Bachelor in journalism)
- M.A. लोक प्रशासन (Public Administration)
- M.A. समाजशास्त्र (Sociology)
- M.A. अर्थशास्त्र (Economics)
- M.A. संस्कृत (Sanskrit)
- M.A. इतिहास (History)
- M.A. अंग्रेजी साहित्य (English Literature)
- M.A. दर्शनशास्त्र (Philosophy)
- M.A. राजनीति विज्ञान (Political Science)
- M.A. प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व (Ancient Indian History, Culture and Archaeology)
- M.A. मनोविज्ञान (Psychology)
- D. Litt. Sanskrit – यूनिवर्सिटी में सबसे उच्चतम डिग्री (Highest degree in university)
- IPS – भारतीय पुलिस सेवा (Indian police service)
- IAS – भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service)
उनकी जिंदगी से जुड़ी ये बात ध्यान रखने योग्य है की उन्होंने इतने कम समय में इतनी परीक्षा दी और सभी परीक्षाओं में फर्स्ट डिवीज़न हासिल की।
अब तक आप अच्छी तरह से समझ चुके होंगे की डॉ. श्रीकांत जिचकर को पुस्तकों से कितना प्यार था। यह फैक्ट्स आपको दिलचस्प लगेगा की डॉ जिचकर की निजी पुस्तकालय थी जिसमें 52,000 किताबें थी।
उन्होंने MBBS और MD की डिग्री हासिल कर अपनी journey की भावना का ज्ञान शुरू किया और बाद में अन्तर्राष्ट्रीय कानून (LL.M) में स्नातकोत्तर के साथ कानून (LLB) किया। फिर उन्होंने बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन (DBM and MBA) में स्नातकोत्तर किया और उसके बाद पत्रकारिता (B.Journal) में।
राजनीति में कदम
श्रीकांत 1980 में विधायक बने और विधानसभा में उनके निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। बता दें की, डॉ जिचकर केवल 25 साल के थे जब वह महाराष्ट्र विधानसभा के विधायक (MLA) के रूप में चुने गए, इस प्रकार वे अब तक के सबसे कम उम्र के विधायक बनें।
श्रीकांत जिचकर महाराष्ट्र कैबिनेट में भी एक सफल मंत्री थे और एक बिंदु पर उनके अधीन 14 पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते थे। वह भारत के ऊपरी सदन की संसद सदस्य भी थे।
Dr. Shirikant Jichkar पुरे देश में यात्रा करते थे और अपना ज्ञान साझा करते थे। वे धार्मिक प्रवचन देते थे और स्वास्थ्य और अर्थशास्त्र से संबंधित विषयों पर भी बात करते थे।
ये सब फैक्ट्स डॉ श्रीकांत जिचकर की महानता को सीमित नहीं करते हैं क्योंकि यहाँ तक उनके जज्बे का सिलसिला थमा नहीं था। एक अदभुत अकादमिक होने के अलावा वे एक महान मंच अभिनेता, प्रसिद्ध चित्रकार और एक पेशेवर फोटोग्राफर भी थे।
निधन
2004 में इस महान पुरुष ने आखरी साँस ली जब वे एक कार दुर्घटना में शामिल थे। जब उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा तब वे 50 साल के हो चुके थे।
हमें आशा है की आप डॉ. श्रीकांत जिचकर की कहानी से अवश्य प्रेरित होंगे और अपने जीवन में महान पुरुष जिचकर की तरह सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
बहुत ही सुन्दर व्यक्तित्व
अद्भुत
Aapka bahut sukriya sir aapne aise mahapurush ke bare me btaya. Once again thank u sir..
Great!
Great man
डॉ श्रीकांत जीचकर के बारेमे यह जाणकारी प्रस्तुत के लिये बहोत बहोत धन्यवाद। कृपया डॉक्टर साहब के निधन की तारीख बताये।
#अदभुत #मानव !
आपसे कोई पूछे भारत के सबसे पढ़ेलिखे व्यक्ति का नाम बताइए जो,
*डॉक्टर भी रहा हो,
*बैरिस्टर भी रहा हो,
*IPS अधिकारी भी रहा हो,
*IAS अधिकारी भी रहा हो,
*विधायक,मंत्री, सांसद भी रहा हो,
*चित्रकार,
फोटोग्राफर भी रहा हो,
*मोटिवेशनल स्पीकर भी रहा हो,
*पत्रकार भी रहा हो,
*कुलपति भी रहा हो,
*संस्कृत,गणित का विद्वान भी रहा हो,
*इतिहासकार भी रहा हो,
*समाजशास्त्र, *अर्थशास्त्र का भी ज्ञान रखता हो,
*जिसने काव्य रचना भी की हो !
अधिकांश लोग यही कहेंगे,”क्या ऐसा संभव है,आप एक व्यक्ति की बात कर रहे हैं या किसी संस्थान की ?”
पर भारतवर्ष में ऐसा एक व्यक्ति मात्र 49 वर्ष की अल्पायु में भयंकर सड़क हादसे का शिकार हो,इस संसार से विदा भी ले चुका है !
उस व्यक्ति का नाम है श्रीकांत जिचकर ! श्रीकांत जिचकर का जन्म 1954 में संपन्न मराठा कृषक परिवार में हुआ था ! वह भारत के सर्वाधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति थे,जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है !
श्रीकांत जी ने 20 से अधिक डिग्री हासिल की थीं !
कुछ रेगुलर व कुछ पत्राचार के माध्यम से ! वह भी फर्स्ट क्लास, गोल्डमेडलिस्ट,कुछ डिग्रियां तो उच्च शिक्षा में नियम ना होने के कारण उन्हें नहीं मिल पाई जबकि इम्तिहान उन्होंने दे दिया था !
उनकी डिग्रियां/ शैक्षणिक योग्यता इस प्रकार थीं…
MBBS,MD gold medalist,
LLB,LLM,
MBA,
Bachelor in journalism ,
संस्कृत में डी.लिट. की उपाधि यूनिवर्सिटी टॉपर ,
M. A इंग्लिश,
M.A हिंदी,
M.A हिस्ट्री,
M.A साइकोलॉजी,
M.A सोशियोलॉजी,
M.A पॉलिटिकल साइंस,
M.A आर्कियोलॉजी,
M.A एंथ्रोपोलॉजी,
श्रीकान्तजी 1978 बैच के आईपीएस व 1980 बैच आईएएस अधिकारी भी रहे !
1981 में महाराष्ट्र में विधायक बने,
1992 से लेकर 1998 तक राज्यसभा सांसद रहे !
श्रीकांत जिचकर ने वर्ष 1973 से लेकर 1990 तक तमाम यूनिवर्सिटी के इम्तिहान देने में समय गुजारा !
1980 में आईएएस की केवल 4 महीने की नौकरी कर इस्तीफा दे दिया !
26 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के विधायक बने, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी बने,
14 पोर्टफोलियो हासिल कर सबसे प्रभावशाली मंत्री रहे !
महाराष्ट्र में पुलिस सुधार किये !
1992 से लेकर 1998 तक बतौर राज्यसभा सांसद संसद की बहुत सी समितियों के सदस्य रहे,वहाँ भी महत्वपूर्ण कार्य किये !
1999 में भयंकर कैंसर लास्ट स्टेज का डायग्नोज हुआ,डॉक्टर ने कहा आपके पास केवल एक महीना है !
अस्पताल पर मृत्यु शैया पर पड़े हुए थे…लेकिन आध्यात्मिक विचारों के धनी श्रीकांत जिचकर ने आस नहीं छोड़ी उसी दौरान कोई सन्यासी अस्पताल में आया उसने उन्हें ढांढस बंधाया संस्कृतभाषा,शास्त्रों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया कहा तुम अभी नहीं मर सकते…अभी तुम्हें बहुत काम करना है…!
चमत्कारिक तौर से श्रीकांत जिचकर पूर्ण स्वस्थ हो गए…!
स्वस्थ होते ही राजनीति से सन्यास लेकर…संस्कृत में डी.लिट. की उपाधि अर्जित की !
वे कहा करते थे संस्कृत भाषा के अध्ययन के बाद मेरा जीवन ही परिवर्तित हो गया है ! मेरी ज्ञान पिपासा अब पूर्ण हुई है !
पुणे में संदीपनी स्कूल की स्थापना की,
नागपुर में कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की जिसके पहले कुलपति भी बने !
उनका पुस्तकालय किसी व्यक्ति का निजी सबसे बड़ा पुस्तकालय था जिसमें 52000 के लगभग पुस्तकें थीं !
उनका एक ही सपना बन गया था, भारत के प्रत्येक घर में कम से कम एक संस्कृत भाषा का विद्वान हो तथा कोई भी परिवार मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का शिकार ना हो !
यूट्यूब पर उनके केवल 3 ही मोटिवेशनल हेल्थ फिटनेस संबंधित वीडियो उपलब्ध हैं !
ऐसे असाधारण प्रतिभा के लोग, आयु के मामले में निर्धन ही देखे गए हैं,अति मेधावी, अति प्रतिभाशाली व्यक्तियों का जीवन ज्यादा लंबा नहीं होता,शंकराचार्य महर्षि दयानंद सरस्वती,विवेकानंद भी अधिक उम्र नहीं जी पाए थे !
2 जून 2004 को नागपुर से 60 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र में ही भयंकर सड़क हादसे में श्रीकांत जिचकर का निधन हो गया !
संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार व Holistic health को लेकर उनका कार्य अधूरा ही रह गया !
ऐसे शिक्षक, चिकित्सक,विधि विशेषज्ञ,प्रशासक व राजनेता के मिश्रित व्यक्तित्व को शत शत नमन !
(फारवर्डेड)
such a inspirational man. aaj ke samay me logo ko ek hi degree lene me bahot muskil ka samna karna padta hai. jabki us samy to mobile internet bhi nhi tha. inke bare me jankar ye sabak milti hai ki agar ham than le to koi bhi hame hara nhi sakta.
thanks for sharing
Bohot acchi post Hai sir
Aapne bahut hi badhiya post share kiye hai.Is post me aapne srikant ji ke bare me achhe se bataya hai
Its very interesting post bahut kuch sikhne ko mila by in story se
Way Sach Me pahli Bar Inke Bare Me Jana Aur Jankar Chauk Gaya Ajeeb lag Raha Hai, Politics Tak Ko Nahi Chhode The But Ye Sirf Dr Hi Q Lagaye ???
Unke name ke aage jo bhi lagaye kam hi hoga bro.