सकारात्मक सोच और नकारात्मक सोच में क्या फर्क होता हैं

हमारी सकारात्मक और नकारात्मक सोच हमे क्या से क्या बना सकती हैं शायद इस बारे में निश्चित जवाब देना मुश्किल हैं। बहुत से लोग अपनी नाकामयाबी की वजह किसी और को बता कर खुद को बड़ा और सही साबित करने की कोशिश करते है पर ऐसा नहीं हैं असल में हमारी असफलता की वजह हम खुद और हमारा दिमाग होता हैं जो गलत योजनाये बनाता है और गलत सोचता है।

Negative or Positive Thinking Me Kya Difference Hota Hai

आज मैं आपको एक छोटी सी कहानी के माध्यम से बताना चाहता हु की हमारी सकारात्मक और नकारात्मक सोच में कितना अंतर होता हैं और एक छोटी सी गलत सोच हमे क्या से क्या बना डालती हैं।

दो अलग अलग इन्शान एक ही चीज़ एक ही बात को सकारात्मक और नकारात्मक दो अलग अलग नजरिये से देख और सोचते हैं और उसका नतीजा भी दोनों की सोच की तरह बिलकुल अलग होता हैं। इस कहानी को पढने के बाद आप आसानी से ये समझ जाओगे की हमारी गलत सोच से हमारी जिंदगी किस तरह तबाह हो सकती हैं ।

अगर हम बुरी चीज को भी सही नजर से देखे तो हमे बुरे लोगो से भी अच्छी सीख मिल सकती है और अगर हम अच्छी चीज को बुरी नजर से देखेंगे तो हमे उसमे बुराई ही नजर आयेगी. सबसे बड़ा फर्क तो ये और ज्यादा आप आगे जान सकते है।

Negative और Positive Thinking में क्या अंतर होता हैं

किसी गाँव में एक छोटा सा परिवार रहता था जिसमे रामू उसकी बीवी और उसके दो बेटे शामिल थे, उन दोनों का नाम राजू और प्रेम था। प्रेम उनमे से छोटा था और राजू बड़ा था उन दोनों की आपस में कभी नहीं बनती थी वो सदा आपस में झगडा करते रहते और ज्यादा झगडा प्रेम करता था। उसमे जरा सी भी तमीज नहीं थी की अपने बड़े भाई से कैसे बात करते है या बड़ो का आदर कैसे किया जाता हैं। स्कूल से जाते वक्त आटे वक्त घर पर खाना खाने या किसी भी जगह अपर बस वो राजू को परेशां करता रहता था।

दरअसल रामू शराबी था और बहुत ज्यादा शराब पी कर घर में झगडा करता था और राजू  चुपचाप रहने वालो में से था इस वजह से प्रेम को रोकने वाला या किसी भी गलत काम से मना करने वाला कोई नहीं था। अब तो सारा दिन प्रेम आवारा फिरता था क्योकि वो अपने बड़े भाई बादल की तो कोई बात ही नहीं मानता था। प्रेम जहा भी जाता सबको परेशान करता हर रोज किसी से मारपीट करता और सबको बुरा भला कहता रहता था।

एक दिन रामू की ज्यादा शराब पीने से मृत्यु हो गयी उसके बाद तो जैसे इस छोटे से परिवार पर पहाड़ टूट गया हो इतनी मुशीबते आ गयी। राजू और प्रेम की माँ भी अब बीमार रहने लगी थी और ज्यादा काम नहीं कर सकती थी इसीलिए राजू पंद्रह साल का होते हुए भी पास के शहर में मजदूरी जाने लगा। राजू के मेहनती होने से एक बार फिर से घर की हालत सुधर गयी पर इतना सब होने के बावजूद प्रेम की गुंडागर्दी और आवारगी कम नहीं हुयी।

4-5 साल ऐसे ही गुजर गए और एक दिन बीमारी के कारण उनकी माँ भी चल बसी। राजू और प्रेम दोनों बहुत अकेले हो गये पर राजू ने हिम्मत नहीं हारी और अब वो शहर की एक कंपनी में काम करने लग गया। उसे खुद के साथ प्रेम का खर्चा भी चलाना पड़ता था अब प्रेम 19 वर्ष का हो गया था और उसे शराब सिगरते की गन्दी लत लग चुकी थी। जिसकी वजह से सभी परेशान थे, लेकिन वो कुछ भी नहीं समझता और किसी की नहीं मानता था।

प्रेम जरा जरा सी बात पर राजू को मारने भागता पर फिर भी राजू यूज़ अपने छोटे भाई की नजर से ही देखता था। प्रेम हर दिन कुछ ना कुछ गलत काम कर देता था और राजू को उसके लिए लोगो से माफ़ी मांगनी पड़ती थी। एक कभी किसी से झगड़ता करता तो कभी किसी से उसका दूसरा भाई राजू कभी भी किसी से गलत नहीं बोलता था और हर किसी से प्यार से बात करता था।

राजू की सभी जगह प्रसन्नता की जाती थी और समाज में सभी उसकी अच्छी इज्जत करते थे। राजू रोज सुबह पूजा करता और जब भी वक्त मिलता किसी ना किसी की मदद जरुर करता था इसी कारण से उस गाव के लोग आपस में बातचीत करते की राजू और प्रेम एक ही आदमी की संतान है लेकिन फिर भी इन दोनों में जमीन और आसमान का फासला है भगवान ऐसे सल्लुक क्यों करता हैं।

एक बार वो दोनों घर पर बेठे थे तो उनसे एक बुढे आदमी ने पुछा की तुम दोनों एक ही बाप की औलाद हो लेकिन फिर भी तुम में एक जैसे गुण और चरित्र नहीं है, तुम दोनों एक साथ ही पले बड़े हो लेकिन दोनों में फर्क बहुत है। आखिर ऐसा क्यों है क्या तुम्हारी परवरिश अलग आलग हुयी हैं।

उस बूढ़े आदमी ने पहले प्रेम से पुछा की तुमने ये सारे सल्लुक किससे सीखे। तुम्हे ये सब करना किसने सिखाया तुझे इतना बुरा किसनेबनाया?

प्रेम इतना सुन कर बहुत गुस्से से बोला मैंने सबकुछ अपने बाप से सीखा है ये सब सल्लुक मेरे बाप में थे वो शराब पीकर सबके साथ बहुत मारपीट करते थे और बहुत ज्यादा नशा करते थे। सब कहते है की अपने बाप की तरह बनो तो बताओ मैं मेरे बाप की तरह ना बनू तो किस की तरह बनू इसमें मेरा कोई दोष नहीं है मैंने मेरे बाप से ही सबकुछ सिखा है और मैं उसी का फ़र्ज़ निभा रहा हु।

उसके बाद उस आदमी ने राजू से पूछा की बेटे आपने ये सब सल्लुक कहा से सीखे और तुम्हे इतना अच्छा पाठ किसने पढ़ाया की आप सबके साथ हंस कर रहते हो। आपको इतने अच्छे स्वभाव वाला किसने बनाया।

राजू ने कहा मैंने भी सबकुछ अपने पिताजी से ही सिखा है मेरे पिताजी बहुत शराब पीते थे और रोज झगडा करते थे मैं जानता था की मेरे पिताजी जो कर रहे है वो सबअच्छा नहीं और कोई भी अच्छा इन्सान ऐसा नहीं करता नशा मनुष्य की जिंदगी बर्बाद आकर देता हैं। इसलिए मैंने सोचा की मैं वो गलती नहीं करूँगा जो पिताजी ने की थी।

मैं उन लोगो से माफ़ी चाहता हु जिनको मेरे पिताजी की वजह से कोई तकलीफ हुयी हो। क्योकि मुझे पता था पिताजी जब शराब पीते थे तो उनकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़े जाती थी और वो किसी के साथ भी झगडा करने लगते थे, इसलिए मैंने ये सब सल्लुक सीखे।

इतनी बात सुन कर वो बुढा आदमी बोला बेटा अगर इसी रास्ते पर चलोगे तो इस जीवन में सफल हो जाओगे और अगर तुम यह रास्ता छोड़ दोगे तो तुम बर्बाद हो जाओगे। इतना कह कर वो राजू के सर पर हाथ रख कर चला गया।

इस कहानी से आपको पता चलता है की आदमी दो प्रकार से सोचता है।

  1. सकारात्मक
  2. नकारात्मक

प्रेम ने उसके पिताजी से नकारात्मक बाते सीखी और राजू ने उसके पिता से सकारात्मक बाते सीखी. अब आप सकारात्मक सोचते हो या नकारात्मक यह तो आप पर निर्भर करता है लेकिन में यकीन के साथ कहे सकता हूं की इस कहानी को पढ़कर आपकी सोच बदल सकती है।

इस कहानी को पढने के बाद आपको आसानी से समझ आ गया होगा की सकारात्मक और नकारात्मक में क्या फर्क होता हैं और किसका हमारी लाइफ पर कितना असर पड़ता हैं इसलिए हमेशा Positive सोचो और Negative सोच से हमेशा दूर रहो।

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About Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

Comments ( 6 )

  1. Omprakash Mehta

    Achi Story hai

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  2. GAURAV

    AAPNE JO BHI BATAYA BILKUL SAHI HAI. JIWAN MAI HAM JAISA SOCHTE HAI WESHA HI BAN JATE HAI.
    THANKS FOR THIS STORY
    NICE STORY.

    Reply
  3. Md Laddan

    You are doing a great gob I inspired when I was reading you post. I am regular reader of hindi mozedia.
    Thank You…..

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  4. ankit

    bahut acchi story hai

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  5. ajay gupta

    very nice post sir aap kya karte hain jo aapki post google me first rank par aati hai

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  6. anil

    bahut hi achha post share kiya hai apne aise aur achhi post kare. thanks for sharing

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