इंटरनेट की 20 शर्तें जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए

हम सभी इंटरनेट चलाते है इसके लिए हमे किसी चीज की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन इंटरनेट की कुछ शर्तें होती है जिनकी जानकारी ना होने पर कुछ दिक्कतें हो सकती है आपकी जरुरी जानकारी चोरी होने, अत्यधिक पैसे बर्बाद होने जैसी कई दिक्कतें हो सकती है इसलिए इस पोस्ट में मैं आपको इंटरनेट की 20 शर्तें बता रहा हु अगर आप इनके बारे में अच्छे से जान लेंगे तो आपको इंटरनेट चलाते समय किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

Internet Terms

आज इंटरनेट कंप्यूटर नेटवर्क्स के लाखों कंप्यूटिंग उपकरणों में विशाल नेटवर्क है. डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, मैनफ्र्म्स, स्मार्टफोन्स, एंड्राइड मोबाइल्स, टेबलेट्स, जीपीएस यूनिट्स, स्मार्ट डिवाइसेस और विडियो गेम कंसोल सभी उपकरण इंटरनेट से जुड़े हुए है और कोई भी सिंगल संगठन इंटरनेट का का मालिक नहीं है और ना ही इसे कोई संभालने वाला हैं।

वर्ड वाइड वेब और वेब फॉर शोर्ट वो अंतरिक्ष है जहा डिजिटल सामग्री इंटरनेट उपभोकर्ताओं को सर्वे की जाती है. इंटरनेट पर आज लाखों साइट्स है जिन पर आपको सभी प्रकार की जानकारी मिल जाएगी. गूगल इंटरनेट की दुनिया का सबसे बड़ा खोज इंजन है जो आपको सबकुछ खोज करके प्रदान करता हैं।

नए इंटरनेट यूजर को इंटरनेट चलाने से पहले इंटरनेट की कुछ शर्तों के बारे में पता कर लेना चाहिए ताकि उन्हें नेट चलाते समय कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े जिनमे से कुछ शर्तें यहाँ हैं।

इंटरनेट चलाने से पहले इन 20 शर्तों के बारे में जानिए

जिस तरह हम किसी काम को करने से पहले उसके बारे में जानकारी की जरुरत होती है वैसे ही इंटरनेट का इस्तेमाल करने से पहले आपको इंटरनेट की जानकारी होनी जरुरी है इसलिए यहाँ मैं इंटरनेट की कुछ जरुरी शर्तें के बारे में बता रहा हु जो आपके बहुत काम आएँगी।

1. इंटरनेट

इंटरनेट क्या है? इंटरनेट कंप्यूटर का वर्ड वाइड नेटवर्क है इसमें दुनिया के बहुत से कंप्यूटर एक दुसरे से जुड़े हुए है इसमें संचार तरीके का इस्तेमाल होता है जिसे टी सी पी/आईपी कहते है. 1969 में यु.एस डिफेन्स डिपार्टमेंट की उन्नत अनुसंधान परियोजना एजेंसी ने एक साथ जुड़े हुए 4 कंप्यूटरों का नाम “अरपानेट” रखा गया और यही इंटरनेट का पहला नाम था।

2. वर्ड वाइड वेब

वर्ड वाइड वेब क्या है? वर्ड वाइड वेब को वेब और www. भी कहते है ये इंटरनेट पर जुड़ी जानकारी जैसे संसाधन, चित्र, ध्वनियों मल्टीमीडिया का संग्रह है जो एक दुसरे के साथ जुड़ा हुआ है. जैसे किसी सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना, वेब पेजों को जोड़ना और संभालना आदि कार्य को आसान बनाता है. वर्ड वाइड वेब का अविष्कार मार्च 1989 में टीम बर्नेस-ली ने किया था।

3. ब्राउज़र

ब्राउज़र क्या है? ब्राउज़र एक फ्री सॉफ्टवेयर पैकेज और मोबाइल ऐप होता है जो हमे वेब पेजों, ग्राफिक्स और ऑनलाइन साम्रगी देखने देता है. शुरुआती और उन्नत इंटरनेट उपभोगकर्ताओं को वेब ब्राउज़र के द्वारा वेब पेज पर पहुँच मिलती है यानि इंटरनेट पर जो वेब पेज है उन पेजों पर जाने के लिए वेब ब्राउज़र की आवश्यकता होती है।

4. यूआरएल

यूआरएल इंटरनेट पेजों का पता होता है जिससे आप अपनी पसंद के वेब पेज और फाइल्स को ब्राउज़र में एक्सेस, लोकेट और बुकमार्क कर सकते है किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग के हर पेज के लिए विशिष्ट यूआरएल होता है जिसे लिंक भी कहते है।

5. वेब पेज

जब भी हम अपने इंटरनेट ब्राउज़र को ओपन करते है तो एक वेब पेज को देखते है सोचो, अभी आप ब्राउज़र में किसी टेक्स्ट पेज, विडियो, इमेज लिंक्स आदि देख रहे है ये सभी वेब पेज है।

6. एचटीटीपी और एचटीटीपीएस

एचटीटीपी की फुल फॉर्म – हाइपरटेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल है जब वेब पेज में ये उपसर्ग होता है तो लिंक, पिक्चर और टेक्स्ट ब्राउज़र में अच्छी तरह से काम करते है।

एचटीटीपीएस की फुल फॉर्म – हाइपरटेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल सिक्योर है ये सूचित करता है की वेब पेज में आपकी जरुरी जानकारी दुसरों से छुपाने के लिए एन्क्रिप्शन की एक स्पेशल परत है।

जब भी आप अपने बैंक अकाउंट या ऑनलाइन शौपिंग साईट पर लॉग इन करते है तो आप क्रेडिट कार्ड की जानकारी ऐड करते है तो सेफ्टी के लिए यूआरएल में “एचटीटीपीएस” देखें।

7. IP एड्रेस

आपका कंप्यूटर और सभी डिवाइस जो इंटरनेट से जुड़े होते है आइडेंटिफिकेशन के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस का उपयोग करता है अधिकतर परिस्थितियों में IP एड्रेस अपने आप असाइन होते है. नए यूजर को आमतौर पर IP एड्रेस असाइन करने की आवश्यकता नहीं है. हर एक डिवाइस जो इंटरनेट एक्सेस करता है को ट्रैकिंग प्रोपोसे के लिए IP एड्रेस असाइन किया गया है।

8. HTML और XML

HTML क्या है? इसकी फुल फॉर्म – हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज. ये वेब पेजों की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है ये आपके वेब ब्राउज़र को टेक्स्ट और ग्राफिसस को एक स्पेशल फैशन में डिस्प्ले करने की कमांड देता है. इंटरनेट उपभोगकर्ताओं को वेबसाइट वेब पेजों को खोलने, पढ़ने के लिए HTML कोडिंग सिखने की जरुरत नहीं है. ब्राउज़र इस प्रोसेस को पूरा करके आपको उस वेब पेज को प्रॉपर दिखाता हैं।

9. ISP

ISP एक कंपनी और गवर्नमेंट संगठन है जो आपको व्यापक इंटरनेट में प्लग करता है. इंटरनेट को पाने के लिए आपको इंटरनेट सुविद्धा की जरुरत होती है.

उदाहरण – आप स्कूल, स्टेशन, हॉस्पिटल आदि प्लेस पर फ्री ISP पा सकते हो और अगर आप पे कर सकते है तो आप अपने घर पर भी प्राइवेट ISP इस्तेमाल कर सकते हैं।

ISP प्रीसेस की वैरायटी के अनुसार सर्विस ऑफर करता है ज्यादातर ISP इंटरनेट स्पीड के अनुसार महीने के शुल्क लेते है यानि आपको जितना अधिक इंटरनेट स्पीड वाला कनेक्शन चाहिए आपको उतना ही अधिक पे करना होगा।

10. राऊटर

राऊटर एक राऊटर-मॉडेम कॉम्बिनेशन हार्डवेयर डिवाइस है जो आपके ISP से अपने घर या व्यापार में आने वाले नेटवर्क सिग्नल्स के लिए यातायात पुलिस की तरह काम करता है. एक राऊटर वायर्ड या वायरलेस दोनों हो सकता है।

11. डीएनएस

डीएनएस यानि डोमेन नाम सिस्टम, डोमेन नेम्स और उनके कोरेस्पोंडेंट इन्तेर्ट (IP एड्रेस) का विशाल डाटाबेस है इसे आप डोमेन नाम सर्विस या डोमेन नाम सर्वर भी कह सकते है इसका काम IP एड्रेस को डोमेन में बदलने का होता हैं।

12. डोमेन नाम

डोमेन नाम नेट पर कंप्यूटर की लोकेशन की डिस्क्रिप्शन और रिप्रजेंटेशन करता है आमतौर पर ये डॉट से भिन्न होता है इंटरनेट पर जितनी भी वेबसाइट और ब्लॉग है सभी के लिए एक डोमेन नाम की आवश्यकता होती हैं।

13. वेबसाइट

वेबसाइट सिम्पली साईट बहुत सारे रिलेटेड वेब पेजों का एक कलेक्शन है जिसे एक डोमेन नाम के माध्यम से identify किया हुआ होता है वेबसाइट और पब्लिश्ड सभी वेब पेज की एक लिस्ट होती है जिसे आप डोमेन नाम और यूआरएल के थ्रू एक्सेस कर सकते है।

वेबसाइट में ऑडियंस की जरुरत के अनुसार बहुत सारे फंक्शन होते है वेबसाइट पर्सन साईट और पब्लिक साईट दोनों हो सकती है उदाहरण – पर्सनल वेबसाइट, गवर्नमेंट वेबसाइट और व्यापार वेबसाइट आदि.

14. ब्लॉग

ब्लॉग प्रति दिन अपडेट होने वाली वेबसाइट और वेब पेज होता है ये छोटे समूह की तरह है जिसे किसी स्पेशल कारण से बनाया जाता है ये वेबसाइट का एक हिस्सा भी हो सकता है और अलग साईट भी हो सकती हैं।

15. वेब होस्टिंग

वेबसाइट वेब पेज को स्टोर करने के लिए और साईट को एक्सेसिबल बनाने के लिए एक ऐसे कंप्यूटर की आवश्यकता होती है जो हमेशा चालू हो और इंटरनेट से जुड़ा हो. वेब होस्टिंग प्रोवाइडर इसके लिए महीने या साल का चार्ज लेते है इसे ही वेब होस्टिंग कहते है ये इंटरनेट होस्टिंग का एक हिस्सा हैं।

16. ईमेल

ईमेल का मतलब इलेक्ट्रॉनिक मेल होता है इसका काम टाइपरिटेन मेसेज को एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में भेजना और प्राप्त करना है इसके लिए आप गूगल जीमेल, याहू मेल आदि का उपयोग कर सकते हैं।

17. ईमेल स्पैम और फिल्टर

अनवांटेड और अनसोलिसिटेड ईमेल का जारगन नाम है स्पैम मेल. इसके 2 मोस्ट वर्ग है – 1. जो परेशान करते है 2. हैकर्स जो आपको अपने पासवर्ड शो करने के लिए परेशान करते है. फ़िल्टरिंग स्पैम के खिलाफ इम्पेर्फेक्ट लेकिन मशहूर रक्षा है फ़िल्टरिंग सॉफ्टवेर का उपयोग करता है और आपके ईमेल मेसेज को चेक करके उनमे से स्पैम मेल को डिलीट करता है इसलिए आप अपने जीमेल अकाउंट में जाकर स्पैम फोल्डर चेक कर सकते हैं।

18. सोशल मीडिया

सोशल मीडिया किसी भी ऑनलाइन टूल या वेबसाइट के लिए ब्रांड नाम है जो उपभोकर्ताओं को अन्य हजार उपभोगकर्ताओं से जोड़ने में योग्य बनाता है. उदाहरण – फेसबुक और ट्विटर सबसे बड़ी सोशल मीडिया वेबसाइट है।

सोशल मीडिया साइट्स सभी के लिए फ्री अकाउंट बनाने की छुट देती है कोई भी इंटरनेट यूजर सोशल साइट्स पर अकाउंट बनाकर अपने परिवार जनों और दुसरे लोगों के साथ जुड़ सकता है।

19. फ़ायरवॉल

कंप्यूटिंग के मामले में फ़ायरवॉल में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर होते है जो हमारे कंप्यूटर को हैकर्स और वायरस से सुरक्षित रखते है. फ़ायरवॉल छोटे एंटीवायरस सॉफ्टवेर पैकेज और हार्डवेयर सलूशन लेकर आता है कुछ फ़ायरवॉल फ्री होते है और कुछ के लिए हमे पे करना पड़ता है इससे आपका पीसी और जरुरी डाटा सेफ रहता हैं।

20. मैलवेयर

हैकर्स के द्वारा डिजाईन किया गया कोई भी malicious सॉफ्टवेर को describe करने के लिए इस्तेमाल किया गया ब्रॉड टर्म को मैलवेयर कहते है. मैलवेयर में वायरस, ट्रोजन्स, ज़ोंबी प्रोग्राम्स और वो सभी सॉफ्टवेर शामिल है जो आपके सिस्टम को हानि पहुंचाते है।

जैसे कंप्यूटर को खराब करना, जरुरी जानकारी चोरी करना, दुसरे कंप्यूटर को अपने कंप्यूटर से कण्ट्रोल करना, कुछ सामान खरीदते समय आपके साथ धौखा करना आदि.

मैलवेयर प्रोग्राम्स टाइम बम की तरह है जिसे dishonest प्रोग्रामर के थ्रू बनाया जाता है. फ़ायरवॉल के साथ इन मैलवेयर से बचें और अपने आपको सुरक्षित रखें।

निष्कर्ष

तो ये इंटरनेट की 20 शर्तें है अगर आप इनके बारे में अच्छे से जाने लेंगे तो आप नेट का इस्तेमाल करते समय सुरक्षित रह सकते है और आपको किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा. इंटरनेट पर कुछ भी सुरक्षित नहीं है ज्यादातर साइट्स फेक होती है और कब किसके साथ क्या हो जाए कुछ पता नहीं है इसलिए अपना ध्यान रखें।

इनके अलावा भी आपको इ-कॉमर्स, एन्क्रिप्शन और प्रमाणीकरण, डाउनलोडिंग, अपलोडिंग, ट्रोजन, सर्वर, होस्ट, बिट, पोर्ट, जावा, जावास्क्रिप्ट आदि के बारे में जानना चाहिए।

अगर आपको इंटरनेट की 20 शर्तें की जानकारी अच्छी लगे तो इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर करें।

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Comments ( 42 )

  1. Mina Kumari

    Bahut acchi information di hai aapne. Ye sab baate sayad hi kisi ko pata hoga. Internet ke terms post bahut hi lajabab hai. Thank you.

    Reply
  2. Naresh

    Sir mene naya mobile liya hai. Or nayi sim uss kar raha hu
    Mobile___ samsung J7max
    Sim___ jio
    Ab me hostgator cpanel me login karta hu to nhi ho raha hai..
    Usme aata hai..
    change your ip address again login
    customer se baat ki to vo bolte he yaha se koi issu nhi he
    Aapko apna ip address chack kare…
    To sir muje batayiye me ye kaise karu
    Pehle net idea me us karta tha ab jio…
    Ip address kaise chang karu plzzz sir help me

    Reply
    • Jumedeen Khan

      Ek bar phone ko reset kar le fir log in kare ho jayega.

      Reply
  3. Ajay

    Bhayi mene uc news par account banaya usme site b dali or account approve bhi ho gaya lekin website par post dalta hu lekin uc news we media account par koi bhi post na hi pending me na hi publish huyi h post section puri tarah khali h direct uc account par post publish karne ke liye option show ho raha h aisa kyo?

    Reply
    • Jumedeen Khan

      UC news only news wali post ko approve karega. Har post ko nahi. Kai bar approve hone me time bhi lag jata hai.

      Reply
  4. Ajay

    Bhayi mene puri kosis ki par wo change nhi ho rha h google page par pahunch jaate h plz bhai mujhe acchi tarah se pata h ki aap chhaho to ise change karna sambhav h mene or logo se b pucha jaise anytechinfo par unhone nhi bataya bol rahe the simple h ye unke liye simple hoga par mere liye to ye muskil hi h jab me bhi seekh jaunga to mere liye b simple ho jayega. halaki unhone b shru me kisi na kisi se puchha hi hoga agar wo nhi batayenge to bahut log h jo me help karenge plz bhayi thoda detail me bata do kya hatakar ke kis jagah me apni site ki link add kar du plz plz

    Reply
    • Jumedeen Khan

      First aap author profile ke text me se kuch text copy karo.
      Ab blogger dashboard >> theme >> edit HTML option par jao or ctrl+f key button press kar copy kiya gaya text search karo.

      Ab author profile ki coding aapk samne hogi. Yaha par aapko google plus profile ka code milega use remove kar do.

      Reply
  5. fawad ch

    sir kya hum apne blog/site ka link urdo/hindi question-answer form jaise It-dunya,It-taleem me share karsakte hai ,seo problem to nahi hogi…!

    Reply
    • Jumedeen Khan

      Yes kar sakte ho but unrelated sites me add karne se kam benefit milega.

      Reply

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