कोरोना वायरस का टेस्ट कैसे होता है?

कोरोना वायरस ने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तबाही मचाई हुयी है। इस वायरस की वजह से कई देशों की आधे से ज़्यादा आबादी quarantine हो चुकी है मतलब लोगों ने खुद को अलग-थलग कर लिया है। चीन से होते हुए इस वायरस से ने पूरी इटली को शटडाउन कर दिया और अब इसने भारत में भी अपनी जड़ें जमा ली है। हर तरफ coronavirus test चल रहा है, क्या आपको पता है कि ये कोरोनावायरस टेस्ट कैसे होता है? अगर नहीं तो आईये जानते है, कोरोना वायरस टेस्ट कैसे किया जाता है के बारे में।

Coronavirus test

कोरोना को लेकर अब निश्चिंत नहीं बल्कि एहतियातन कदम उठाने की ज़रूरत है। आज इस आर्टिकल में हम आपको कोरोना से जुड़ी कई अहम बातें बताएंगे। इसके लक्षण क्या है और इसके इस संक्रमण का टेस्ट कैसे किया जाता है। ((coronavirus symptoms and test))

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना एक खतरनाक वायरस है। कोरोना शब्द का लेटिन भाषा में अर्थ होता है क्राउन। दऱअसल कोरोना नाम के इस वायरस के स्ट्रक्चर पर क्राउन की तरह कीलें लगी हैं इसीलिए इलका नाम कोरोना दिया गया।

ये वायरस ऐसी वायरस परिवार से है जो बहुत तेज़ी से फैलता है और इसमें जुकाम, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती है। इसकी अधिक जानकारी के लिए हमारा निम्न आर्टिकल पढ़े,

कोरोना वायरस का लक्षण:

  • सिरदर्द
  • खांसी
  • गले में दर्द
  • सांस लेने में परेशानी
  • मांसपेशियों में दर्द
  • बुखार और थकान

कैसे दिखाई देंगे कोरोना के लक्षण:

कोरोना वायरस के संक्रमित रोगी को पहले बुखार होता है, फिर सूखी खासी होती है। इसके एक हफ्ते बाद सांस लेने में परेशानी होती है। लगातार मांसपेशियों में दर्द बना रहता है। इसका बुखार निमोनिया बनकर किडनी पर भी असर डाल सकता है।

चलिए अब जानते हैं कि कोरोना वायरस का डायग्नोस्टिक टेस्ट क्या है?

कोरोनावायरस का टेस्ट कैसे होता है? (Coronavirus Test in Hindi)

अब मैं आपको बहुत ही आसान भाषा में समझाऊंगी कि कोरोना का टेस्ट कैसे किया जाता है। आपके लिए ये समझना बहुत जरुरी है ताकि जब आपको ये टेस्ट करवाना पड़े तो आपको कोई परेशानी न हो।

दरअसल, कोरोना का टेस्ट दो स्टेजेस में होता है।

  • प्रीलिम्स
  • फाइनल

पहली स्टेज में लक्षण देखकर ये अंदाजा लगाया जाता है कि इस व्यक्ति को इंफेक्शन होने के चांसेस है। फाइनल स्टेज में कंफर्म किया जाता है कि इस ये व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव ही है।

हमारे देश की संस्था ICMR यानि Indian Council of Medical Research लोगों के डायगनोस्टिक टेस्ट करने की पूरी व्यवस्था कर रही है और इसी कड़ी में देश भर में 52 प्रीलिम्स के लैब्स भी बना दिए गए है।

प्रीलिम्स टेस्ट कैसे होता है?

हर किसी को प्रीलिम्स टेस्ट के लिए नहीं भेजा जाता है। जिन लोगों में लक्षण पाए जाते हैं उन्हें ही इस टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। जैसे बुखार, गले में खराश, नाक बहना, सूखी खांसी, बदन में दर्द आदि।

या फिर ऐसे लोग जो इंफेक्टेड देशों से यात्रा करके लौटे हैं। उनकी स्क्रीनिंग कराई जाती है। इंफेक्टेड देश जैसे चीन, इटली, ईरान, जापान, आदि।

इसके अलावा अगर किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के आसपास के लोगों का टेस्ट कराया जाता है तो इन लोगों के टेस्ट के बाद सैंपल्स को 52 में से किसी भी नज़दीकी लैब में भेज दिया जाता है।

कोरोना टेस्ट कैसे किया जाता है?

हालांकि अभी तक इस इंफेक्शन की जांच करने के लिए कोई ठोस जांच किट मौजूद नहीं है। लेकिन डॉक्टर्स बलगम या खून टेस्ट के ज़रिए इस इंफेक्शन का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

इन जांचों में ये टेस्ट शामिल हैं,

  • स्वैब टेस्ट: इस टेस्ट में रूई के एक टुकड़े को गले में या नाक में डाला जाता है और इससे बलगम का सैम्पल लिया जाता है।
  • नेज़ल एस्पीरेट: दूसरा टेस्ट है नेज़ल एस्पीरेट, इसमें एक सलाइन सोल्यूशन तैयार किया जाता है और नाक में डाल दिया जाता है। इसके बाद सैम्पल लैब में भेजा जाता है।
  • ट्रेकिएल एस्पीरेट: तीसरा टेस्ट है ट्रेकिएल एस्पीरेट, इस टेस्ट में ब्रॉन्कोस्कोप (एक ऐसी प्रक्रिया है, जो फेफड़ों के वायुमार्ग के अंदर देख पाती है) को फेफड़ों में डाला जाता है। या फिर स्पुटम टेस्ट भी किया जाता है।

कितने दिन में आता है रिजल्ट?

इस टेस्ट का रिजल्ट आने में थोड़ा समय लगता है। कई लैब्स 10 घंटे में भी रिपोर्ट तैयार कर देती है।

क्या सही हैं ये टेस्ट?

चूकि हमारे पास कोई परीक्षण किट मौजूद नहीं है। इसीलिए इन टेस्ट पर पूरी तरह भरोसा तो नहीं किया जा सकता है। लेकिन इन टेस्ट को काफी हद तक सही माना गया है।

लैब में क्या होता है?

पहले हमने आपको बताया कि किसी इंसान का टेस्ट कैसे किया जाता है, अब हम आपको बताएंगे कि लैब के अंदर कैसे पता लगाया जाता है कि ये व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है।

दरअसल, लैब्स में इस सैंपल्स पर पीसीआर टेस्ट किया जाता है। पीसीआर का मतलब होता है पॉलीमरीज़ चेन रिएक्शन टेस्ट। अब चलिए थोड़ा डिटेल में समझते हैं कि ये पीसीआर टेस्ट क्या है।

पीसीआऱ (PCR) टेस्ट क्या होता है?

पोलमीर वो एंजाइम होते हैं तो हमारे डीएनए की प्रतियां बनाते हैं। इस चेन रिएक्शन में डीएनए के पार्ट्स बहुत ही तेज़ी से कॉपी होते हैं। ये प्रोसेस ऐसे ही चलता रहता है। SARS-COV-2 वायरस डीएनए नहीं बल्कि आरएनए से बना हुआ है।

इसीलिए टेस्ट के दौरान पहले इसे डीएनए में बदला जाता है। आरएनए से डीएनए में बदने की तकनीक को रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन कहा जाता है। अगर मरीज़ के सैम्पल में इस वायरस के डीएनए या आरएनए से मिलता-जुलता कुछ मिलता है तो टेस्ट को पॉजिटिव माना जाता है।

यानि कोरोना के अनुवांशिक तत्वों को पहले जांचा जाता है, उसे डीएनए में बदला जाता है, उसके बाद मरीज के सैम्पल से मैच किया जाता है।

फाइनल्स टेस्ट कैसे किया जाता है?

प्रीलिम्स में पता लगाया जाता है कि मरीज़ कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। अब इस बात को कंफर्म करने के लिए मरीज़ के सैंपल को फाइनल टेस्ट के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी में भेजा जाता है।

इस सैंपल को अब वुहान से आए कोरोना SARS-Cov-2 के जीन सीक्वेंस से मिलाया जाता है। अगर यहां भी टेस्ट पॉजिटिव मिलता है तो हेल्थ मिनिस्ट्री कोरोना पॉजिटिव मरीज की पुष्टि करती है।

इस प्रक्रिया में कितना समय लगता है?

ICMR वैज्ञानिक डॉक्टर आरआर गंगाखेड़कर का कहना है कि इस प्रकिया में पहले 6 घंटे का समय लगता था लेकिन अब रियल टाइम पीसीआर ने नमूनों का परीक्षण करने में लगने वाले समय को 4 घंटे तक कम कर दिया है।

इस प्रकार से कोरोनावायरस का टेस्ट किया जाता है। अगर आपको कोई भी ऐसा लक्षण दिखता है तो आपको कोरोना वायरस होने का संकेत देता है तो जांच और इलाज से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन 24 घंटे एक्टिव है। आप 0120-4186453 पर संपर्क कर सकते हैं।

कुछ ज़रूरी बातें

  • साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।
  • अगर ज़रूरत ना हो तो घर से बाहर ना निकलें।
  • सैनेटाइज़र का इस्तेमाल करें।
  • इंफेक्टेड व्यक्ति से दूर रहें।
  • खांसी जुकाम की शिकायत होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अस्पताल जाने से पहले कॉल या ऑनलाइन माध्यम से बात करें।

यहाँ हम coronavirus test के बारे में बात कर रहे है इसीलिए इससे जुडी अधिक बातें जाननी है तो हमारा ये आर्टिकल पढ़े, कोरोना वायरस के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें

Conclusion

दोस्तो, इस आर्टिकल में हमने आपको कोरोना वायरस के टेस्ट से जुड़ी जानकारी दी है। Coronavirus test के साथ ही हमने आपको इसके लक्षणों को भी बताया है। हमारी इस आर्टिकल के ज़रिए आप सभी से यही अपील है कि जितना हो सके खुद को आइसोलेट करें।

इस खतरनाक बीमारी को अब सीरियस लें। 22 मार्च रविवार के दिन खुद ही जन कर्फ्यू लगाएं। फिलहाल भारत कोरोना की दूसरी स्टेज में है। अगर इसे अभी नहीं रोका गया तो हमें भविष्य में बहुत मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है।

इसीलिए सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें।  जितना हो सके इससे बचे, इससे कैसे बच सकते है, उसकी जानकारी यहाँ है। ये पढ़ें,

साथ ही आर्टिकल को अपने दोस्तों, घर-परिवार और सोशल मीडिया पर भी शेयर करे ताकि दुसरे लोग भी इससे जागरूक हो सके।

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