भारत के 10 सबसे प्रेरणादायक नारे जो आज भी बहुत महत्त्व रखते है

सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! कल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता हैं। इस साल (2018) भारत अपना 69th रिपब्लिक डे मना रहा हैं और इस गणतंत्र दिवस के मौके पर मैं आपके साथ भारत के सबसे प्रेरणादायक नारे शेयर कर रहा हूँ जो आज भी बहुत महत्व रखते हैं। आजादी के वो नारे, जो आज भी जोश से भर देते हैं।

भारत के 10 प्रेरणादायक नारे

ये नारे हमारे उन महान स्वतंत्रता सेनानियों ने दिये थे जिन्होनें अपना जीवन हमें आजादी की सांस् देने के लिए समर्पित कर दिया था। जिनकी वजह से हम सभी स्वतंत्र राष्ट्र में सांस् ले रहे हैं। जिन्होंनें अपनी जिंदगी कुर्बान करके हमें आजाद जिंदगी दी। हमारी आजाद जिंदगी का श्रेय इन्हीं को जाता हैं।

महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, बंकिम चन्द्र चटर्जी, भगत सिंह, बाल गंगाधर तिलक, मुहम्मद इक़बाल, लाला लाजपत राय जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा बोले गए नारे आज भी एक नया जोश भर देते हैं।

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए प्रेरणादायक नारे

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के ये नारे इस गणतंत्र दिवस को आपके लिए यादगार बना देंगे। आईये जानते हैं महान स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा दिए गए नारे।

1. जय हिन्द

Jai Hind - Subhash Chandra Bose

जय हिन्द (jai hind) भारत का सबसे बड़ा नारा हैं। ये एक देशभक्ति नारा है जो भारत के प्रति भाषणों और संवाद में देशभक्ति प्रकट करने के लिए बोला जाता हैं। जय हिन्द का अर्थ “भारत की विजय” होता हैं। Jai hind नारा सुभाष चन्द्र बोस ने दिया था। जो एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और सुभाष चन्द्र बोस ने ही आजाद हिन्द फौज का निर्माण किया था। इनका जन्म कटक में 23 जनवरी को 1897 में हुआ था।

2. जय जवान जय किसान

Jai Jawan Jai Kisan - Lal Bahadur Shastri

जय जवान जय किसान नारा सबसे पहले 1965 भारत पाक युद्ध के दौरान भारत के दुसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था। ये नारा जवान और किसान के श्रम को दर्शाता हैं। इस नारे को 1965 में युद्ध के दौरान देश को एकजुट करने के लिए बोला गया था। ये भारत का प्रसिद्ध नारा हैं। Jai Jawan Jai Kisan नारे को भारत का राष्ट्रीय नारा (national slogan) भी कहा जाता हैं।

3. सत्यमेव जयते

Satyameva Jayate - Madan Mohan Malviya

सत्यमेव जयते नारा मदन मोहन मालवीय ने दिया था जिनका पूरा नाम पंडित मदन मोहन मालवीय था और इनका जन्म 25 दिसम्बर 1961 को इलाहाबाद में हुआ था। मदन मोहन भारत के पहले और अंतिम महान पुरुष थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि दी गई थी। मदन मोहन मालवीय ने ही काशी हिन्दू विश्विधालय की स्थापना 1916 की थी। ये 4 बार कोंग्रेस के अध्यक्ष भी रहे चुके थे। मदन मोहन मालवीय के माता-पिता का नाम ब्रजनाथ और भूनादेवी था। इन्होनें ही “सत्यमेव जयते” नारा दिया जिसका मतलब “सत्य की सदैव ही विजय होती हैं” होता हैं अर्थात हम अपने शब्दों में कहे तो इसका अर्थ है सच की हमेशा जीत होती हैं।

4. वन्दे मातरम

Vande Mataram - Bankim Chandra Chattopadhyay

वन्दे मातरम (vande mataram) नारा बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने दिया था। जिनका जन्म 27 जून 1838 को कंतलपाड़ा नामक गाँव में हुआ था। बंकिम चन्द्र चटर्जी की पहचान बांग्ला कवि, लेखक, पत्रकार और उपन्यासकार के रुप में हैं। स्कूलों में भी प्रार्थना के वक्त वन्दे मातरम राष्ट्रगीत बोला जाता हैं। इस राष्ट्रगीत को इन्होंनें ही रचा हैं जो आज भारत का सबसे प्रसिद्ध नारा हैं। ये राष्ट्रगीत संस्कृत और बांग्ला भाषा का मिश्रित हैं। अगर इसे बांग्ला में लिखा जाए या बोला जाए तो “बन्दे मातरम” होता हैं।

5. आराम हराम है

Aaram Haram Hai - Jawaharlal Nehru

“आराम हराम है” (aaram haram hai) नारा महान देशभक्त पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिया था। जिन्होंने भारत को पहले स्वतंत्रता दिलाई और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री का नेतृत्व संभाला। इनका जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने युवाओं को कठिन परिश्रम के प्रति प्रेरित करने के लिए “आराम हराम है” नारा दिया था। जो आज भी युवाओं के अंदर एक नया जोश भर देता हैं।

इस नारे को जुबान पर लाने से आलस तो क्या आराम करने की इच्छा भी नहीं होती हैं। ये बहुत ही प्रेरणादायक नारा है जो हमारी काम के प्रति लगन बढ़ाता हैं। इसे नारे से आराम न करके कड़ी मेहनत करने की इच्छा एकदम से जागने लगती हैं। जब तक आप अपने काम  में सफल न हो जाओ तब तक आराम करना हराम हैं। ये मैं नहीं कह रहा हूँ ये हमारे चाचा का कथन हैं।

निष्कर्ष

इनके अलावा भारत के बहुत से प्रेरणादायक नारे है जैसे “करो या मरो” – महात्मा गाँधी, “पूर्ण स्वराज”- पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंकलाब जिंदाबाद – भगत सिंह, तुम मुझे खून दो मैं तुझे आजादी दूँगा – सुभाष चन्द्र बोस, स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है – बाल गंगाधर तिलक, सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है – राम प्रसाद बिस्मिल ने दिया था।

आज भी भारतीय महान स्वतंत्रता सेनानियों के ये नारे सभी की जुबान पर रहते हैं। ये नारे हमारे देश की आन-बान-शान हैं। आपने “सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” का नारा छोटे-छोटे बच्चों की जुबान से भी सुना होगा। ये एक ऐसी गजल भी है जो सभी की जुबान पर रहती हैं जो हमारे देश भारत की शान बढ़ाती हैं।

भारत के ये सबसे प्रेरणादायक नारे है जो आज भी बहुत मायने रखते हैं जो एक नया जोश भर देते हैं। अपने बच्चों को इन नारों को याद करने के लिए कहें। साथ ही इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

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by: Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

Comments ( 3 )

  1. Very nice information Jamshed ji. Aapne bahut hi behtar tarike se explain kiya hai.

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  2. जय हिंद जुमेदीन भाई

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  3. Hello Jumedin Sir.
    Happy Republic Day.

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