संस्कृत दिवस 2023 - Sanskrit Diwas (World Sanskrit Day in Hindi)

वर्ल्ड संस्कृत डे या संस्कृत दिवस (Sanskrit Diwas) संस्कृत भाषा के महत्व को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है। संस्कृत भाषा भारत की सबसे प्राचीन (Ancient) भाषा है। संस्कृत भाषा भारत में सबसे पहले बोली जाने वाली भाषा भी है। भारत में संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) की उत्पत्ति सबसे पहले हुई थी और इससे ही भारत में आज बोली जाने कई सारी भाषाएँ जैसे हिंदी, गुजराती, बंगाली आदि भाषाओँ की उत्पत्ति हुई। इसलिए इसे सभी भाषाओँ की जननी कहा जाता है।

Sanskrit Diwas

संस्कृत दिवस हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। क्या आपको पता है कि Sanskrit diwas पहली बार 1969 को मनाया गया था। इस दिन संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है और अनेक गतिविधियां का आयोजन किया जाता है।

एक समय था जब संस्कृत भाषा भारत में सबसे ज्यादा बोली जाती थी और अब केवल १% भारतीय संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते हैं वो भी श्लोकेस और पूजा-पाठ आदि में। आपको तो यह भी नहीं पता होगा कि आज संस्कृत भाषा उत्तराखण्ड की आधिकारिक भाषा है। इतना ही नहीं प्राचीन ग्रंथ, वेद और पुराण आदि संस्कृत भाषा में ही रचे गए थे।

वो भाषा जिसे सभी भाषाओँ की माँ कहा जाता था आज वही भाषा सबसे कम बोली जाने वाली भाषाओँ में गिनी जाती है। जबकि इसी भाषा से कई सारी भाषाओँ का जन्म हुआ और इसकी मदद से हम लोग दूसरी भाषा सीख -बोलने लगे। आज उसी भाषा का महत्व हमारे लिए कुछ नहीं है।

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संस्कृत दिवस के बारे में जानकारी - World Sanskrit Day 2023 in Hindi, Sanskrit Diwas

जो भाषा भारत में सबसे ज्यादा और सबसे पहले बोली जाती थी आज वही संस्कृत विलुप्त होने की कगार है। आज लोगों के लिए संस्कृत भाषा कोई मायने नहीं रखती, लोगों का ध्यान ही नहीं है इस भाषा पर। इसलिए संस्कृत दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक कर सके और संस्कृत भाषा को बढ़ावा दे सके।

महाभारत काल में वैदिक संस्कृत का उपयोग किया जाता था। यहाँ ताकि कि, संस्कृत भाषा के कई शब्दों से ही इंग्लिश के वर्ड बनाये गए हैं। संस्कृत भाषा का महत्व हम सभी जानते हैं। संस्कृत दिवस के दिन लोगों को संस्कृत लैंग्वेज का महत्व बताया जाता है ताकि लोग संस्कृत के प्रति शिक्षित हो।

विश्व संस्कृत डे पूरी दुनिया में मनाया जाता है ताकि इस भाषा को बढ़ावा दे सके। आज बोलना तो दूर लोगों को संस्कृत भाषा याद तक नहीं, या फिर बोलने में शर्माते है, उन्हें लगता है यह भाषा पुरानी हो गई है, अब इसका चलन नहीं रहा। लोगों की संस्कृत के प्रति ऐसी सोच को बदलने और उन्हें उनके जीवन में संस्कृत भाषा का महत्व समझाने के लिए ही संस्कृत दिवस की शुरूआत की गई।

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से साल १९६९ में केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था। तब से पुरे भारत में संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन को इसीलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन प्राचीन भारत में शिक्षण सत्र शुरू होता था।

हिंदू धर्म में संस्कृत को प्राचीन भाषा के रूप में माना जाता है। जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म में भी संस्कृत का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। क्या आपको पता है कि, संस्कृत का जनक पाणिनि को कहा जाता है। जी हाँ, वह एक प्राचीन संस्कृत भाषाविद, वैयाकरण, और प्राचीन भारत में एक प्रतिष्ठित विद्वान थे।

आज के समय में संस्कृत भाषा की स्थिति बहुत बिगड़ गई है। अब यह भाषा जरूरी नहीं रह गई है। अब दुनिया भर में सिर्फ हिंदी और इंग्लिश को ही महत्व दिया जाता है, जबकि हमें यह पता होना चाहिए की हिंदी भी संस्कृत से निकली है। हाँ, संस्कृत का चलन कम हो गया है, लेकिन संस्कृत मृत भाषा नहीं है, यह अभी भी जीवित है, हालांकि इसके प्रसार प्राचीन और मध्ययुगीन काल की तुलना में कम है।

आज भी संस्कृत हिंदू पत्रिकाओं, त्योहारों, रामलीला नाटकों, अनुष्ठानों का एक अभिन्न अंग बनी हुई है। आज संस्कृत दिवस के माध्यम से संस्कृत भाषा को बढ़ावा दिया जा रहा है। संस्कृत दिवस हमें संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने का अवसर देता है और हमें इस अवसर को भूलना नहीं चाहिए ताकि लोग संस्कृत भाषा को ना भूलें।

संस्कृत दिवस का मुख्य उदेश्य, संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना और लोगों को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक करना है। संस्कृत दिवस २०२० में ३ अगस्त को मनाया जाएगा। संस्कृत दिवस के दिन स्कूल, कॉलेज आदि में संस्कृत भाषा के बारे में भाषण आदि दिए जाते है, यह दिवस राज्य और जिला स्तर पर मनाया जाता है।

संस्कृत दिवस के दिन संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम और विभिन्न गतिविधियां का आयोजन किया जाता है। आप भी संस्कृत दिवस के दिन होने वाले प्रोग्रामों में शामिल होकर भारत की प्राचीन भाषा को बढ़ावा देने में सहयोग दें।

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इस आर्टिकल में हमने आपको Sanskrit Diwas के बारे में बताया, जिसमें आपको जानने को मिला होगा:- Sanskrit diwas kab hai? इसकी शुरूआत, संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है, इसका उदेश्य, महत्व आदि।

संस्कृत दिवस के बारे में जानकारी को सोशल मीडिया पर भी जरूर शेयर करें ताकि कोई और भी संस्कृत भाषा के बारे में जागरूक हो सके।

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by: Jamshed Khan

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