शहीद दिवस पर कविता – Shaheed Diwas Poems in Hindi 2024

Shaheed Diwas Poems in Hindi 2024: 23 मार्च को भारत के 3 असाधारण क्रांतिकारियों (भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव) को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शहीद दिवस (Martyrs Day) मनाया जाता है। यह दिन देश के उन अमर शहीदों को याद करने और श्रद्दांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में अपने प्राण त्याग दिए। यहां हम शहीदों के सम्मान में लिखी गई शहीद दिवस पर कविता प्रस्तुत करा रहे हैं जिन्हें पढ़कर देशभक्ति की भावना जागती हैं।

Shaheed Diwas Poems in Hindi

भारत के इतिहास में 23 मार्च का दिन काले दिन के रूप में चिन्हित है। इस दिन पुरे राष्ट्र के लिए एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी थी। इस दिन को शहीद दिवस के रूप में हम भारत के महान स्वतंत्रता दिग्गजों को श्रद्दांजलि देने के लिए मनाते हैं। हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के लिए शहीद दिवस सेलिब्रेट किया जाता हैं।

यदि आपको अपने स्कूल आदि में शहीद दिवस के अवसर पर भाषण बोलना का मौका मिला तो हमने आपके लिए शहीद दिवस पर भाषण में तैयार किए हैं। निचे दिए गए आर्टिकल में आपको शहीद दिवस पर देशभक्ति भाषण मिल जाएगा।

इस आर्टिकल में हम उनके लिए शहीद दिवस पर देशभक्ति कविताएं साझा कर रहे हैं जिन्हें अपने देश से प्यार है और शहादत के मायने समझते हैं, जो सच्चे देशभक्त हैं।

शहीद दिवस पर कविता, देशभक्ति कविता – Martyrs Day 2024 Poems in Hindi, Shaheed Diwas Poems in Hindi, Desh bhakti Poem in Hindi

शहीद दिवस हिन्दी कविता, शहीद दिवस पर कविता, शहीद दिवस 23 मार्च 2024 कविता, देशभक्ति कविताएं, शहीदों की याद में कविता, अमर शहीदों को सलाम कविता, शहीद जवान कविता हिंदी।

Martyrs day poem in hindi, Shaheed diwas poem in hindi, Shaheed diwas par kavita hindi mein, Deshbhakti kavita in hindi, Shaheed jawan poem in hindi, Shaheedo par kavita, Hindi poem on martyrs day, Patriotic poem in Hindi, Bhagat singh par kavita, Poem on martyrs soldiers in hindi.

(1)

अमर शहीदों को नमन कविता

कभी नहीं संघर्ष से,
इतिहास हमारा हारा,
बलिदान हुए जो वीर जवां,
उनको नमन हमारा है।
बिना मतलब के वीरों ने,
दुर्बल को नहीं मारा,
जो शहीद हुए सरहद पर,
उनको नमन हमारा है।
उनकी राहों पर हम इन्हें,
चलना सिखाएंगे,
उनकी गाथा को कल,
ये बच्चे गाएंगे।
पवित्र देश भारत जो,
जन-जन का है प्यारा,
जो बलिदान हुए जो वीर जवां,
उनको नमन हमारा है।

(2)

वीर जवानों की शहादत पर कविता

वीर जवानों की शहादत पर गूंज रहा था सारा देश,
वही भगत सिंह थे, वही राजगुरु और वही थे सुखदेव।

भारत माता की आजादी की खातिर,
धरे थे न जाने उन्होंने कितने ही भेष
लहूलुहान हुई जा रही थी भूमि अपनी,
और बादलों में छाई हुई थी लालिमा।

आजादी-आजादी के स्वरों से गूंज रहा था सारा जहां,
इन वीर शहीदों की कुर्बानी से आंखें सबकी भर आई थी।

जब देश के खातिर उन्होंने अपनी कीमती जान गंवाई थी,
वो कल भी थे वो आज भी है अस्तित्व उनका अमर रहेगा।

कुर्बानियां कल भी होती थीं और ये सिलसिला यूं ही जारी रहेगा,
नमन है उनकी शहादत को, सर झुके है देख के उनका ज़ज्बा।

वीर जवानों की शहादत पर आज भी है, मेरा देश कुर्बान।

(3)

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को शत-शत नमन कविता

भारत माता के लाल थे वे, आजादी की थी चाह बड़ी,
भारत माता की शान में बस, चल निकले मुश्किल राह बड़ी।

स्वाधीनता के दीवाने थे, गौरों का दम जो निकाला था,
नस-नस में थी आग दौड़ती, खुद को आँधी में पाला था।

इंकलाब की आग देश में, खुद जलकर भी लगाईं थी,
मूँद कर आँखें सोये थे जो, फोड़ कर बम यूँ जगाया था।

सच्चे सपूत थे भारत माँ के, अपना सुख-दुःख सब भूल गए,
माता की बेड़ी तोड़ने को हंसते-हंसते फांसी झूल गए।

वे बड़े अमर बलिदानी थे, फंदे को जिसने चूमा था,
मेरा रंग दे बसंती चोला पर मरते मरते भी झूमा था।

आदर्श बने लाखों युवा के नाम है जब तक है गगन,
सिंह भगत, सुखदेव, गुर है आपको शत-शत नमन।

(4)

शहीद भगत सिंह पर कविता

हुआ देश का तू दुलारा भगत सिंह,
झुके सर तेरे आगे हमारा भगत सिंह।

नौजवानों के हेतु हुए आप गांधी,
रहे राष्ट्र के एक गुवारा भगत सिंह।

किया काम बेशक है हिंसा का तुमने,
यही दोष है इक तुम्हारा भगत सिंह।

मगर देश हित के लिए जान दे दी,
बढ़ी शान तेरी हमारे दिलों में भगत सिंह।

तेरी देशभक्ति पे सब हैं न्योछावर,
अभय तेरा साहस है न्यारा भगत सिंह।

हुआ देश का तू दुलारा भगत सिंह,
झुके सर तेरे आगे हमारा भगत सिंह।

(5)

जोरदार देशभक्ति कविता

वह देश, देश ही क्या, जिसमें लेते हों जन्म शहीद नहीं,
वह खाक जवानी है जिसमें मर मिटने की उम्मीद नहीं।

वह पूत, पूत क्या है जिसने माता का दूध लजाया है।

यह भी क्या कोई जीवन है, पैदा होना फिर मर जाना।

पैदा हो तो फिर ऐसा हो जैसे तांत्या बलवान हुआ,
मरना हो तो फिर ऐसे मरो जैसे भगतसिंह कुर्बान हुआ।

जीना हो तो वह ठान-ठान जो कुंवरसिंह ने ठानी थी,
या जीवन पाकर अमर हुई जैसे झांसी की रानी थी।

आज़ादी के परवानों ने जब खून से होली खेली थी,
माता को मुक्त कराने को सीने पर गोली झेली थी।

तोपों पर पीठ बंधाई थी, पेड़ों पर फांसी खाई थी,
पर उन दीवानों के मुख पर रत्ती-भर शिकन न आई थी।

वे भी घर के उजियारे थे, अपनी माता के प्यारे थे,
बहनों के बंधु दुलारे थे, अपनी पत्नी के प्यारे थे।

पर आदर्शों की खातिर जो भर अपने जी में जोम गए,
भारतमाता की मुक्ति हेतु,अपने शरीर को होम गए।

कर याद कि तू भी उनका ही वंशज है, भारतवासी है,
यह जननी, जन्म-भूमि अब भी कुछ बलिदानों की प्यासी है।

ऐसा करने में भले प्राण जाते हों तेरे, जाने दे,
अपने अंगों की रक्त-माल मानवता पर चढ़ जाने दे।

तू जिन्दा हो और जन्म-भूमि बन्दी हो तो धिक्कार तुझे।
भोजन जलते अंगार तुझे, पानी है विष की धार तुझे।

जीवन-यौवन की गंगा में तू भी कुछ पुण्य कमा ले रे,
मिल जाए अगर सौभाग्य शहीदों में तू नाम लिखा ले रे।

(6)

Small Poem on Martyrs Day in Hindi

लहू बहा कर सीमाओं पर,
अमन चैन का फूल खिलाया,
अपने प्राणो की बलि देकर,
भारत माँ का मान बढ़ाया।

(7)

देश के वीर सपूतों की कविता

इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर की जिसकी हिफाजत हमने,
ऐसे तिरंगे को को सदा अपनी आंखों में बसाए रखना।

(8)

वीर जवानों को सलाम कविता

वीर जवानों की गाथाएं तुमको आज सुनाता हूं,
तूफानों में डेट रहे जो उनको शीश झुकाता हूँ,
कर्मपथ के वे अनुरागी मैं तो उनका दास हूं,
उनकी ही आजादी में लेता खुलकर सांस हूँ,
भारत माता के प्रणय हेतु करता ये अहसास हूँ,
गाकर गाथा उन वीरों की मन से मैं मुस्कुराता हूँ,
वीर जवानों की गाथाएं तुमको आज सुनाता हूं।

(9)

भारत देश पर प्यारी सी कविता

स्वर्ग की गोद में कैसा नरक पसरा हुआ है,
पग-पग छाया आतंक, हर जर्रा खून से लाल हुआ।

कुछ रिश्ते और यतीम हुए कुछ सपने और कुर्बान,
राहे वतनपरस्ती में फिर वीरों ने जान लुटाई,
अपना था वो किसी का सपना था वो जो वहां शहीद हुआ,
जिसकी मौत पर सारा वतन गमगीन हुआ।

है नमन सब शहीदों को दिल में गूंजती यह पुकार,
अंत हो आतंक का अब ना जाए ये बलिदान बेकार।

(10)

Patriotic Poem in Hindi

उठो धरा के अमर सपूतो,
पुनः नया निर्माण करो।
उठो धरा के अमर सपूतो,
पुनः नया निर्माण करो।

ये थी शहीद दिवस पर देश के अमर शहीदों को समर्पित कविताएं जिन्हें पढ़कर आपके दिल में अपने देश के लिए प्यार जागेगा। शहीद जवानों की ये कविताएं आपमें देशभक्ति की भावना पैदा कर सकती हैं।

यदि आपको शहीद दिवस के अवसर पर शहीदों के सम्मान में, देश वीर जवानों को समर्पित शायरियां चाहिए तो निचे वाले आर्टिकल में जाएं। जिसमें आपको शहीद दिवस पर देशभक्ति शायरी मिलेंगी।

यह भी पढ़ें:

साथ ही, अगर आप सच्चे देशभक्त हैं तो यहां दी गई शहीद दिवस पर कविता ओं को सोशल मीडिया पर शेयर करूर करें ताकि इन्हें पढ़कर किसी और के दिल में भी अपने देश के लिए मर मिटने का जुनून पैदा हो सके।

Avatar for Jamshed Khan

About Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

Leave a Comment

I need help with ...