गाँधी जयंती पर कविता – Mahatma Gandhi Jayanti Poem in Hindi

गाँधी जयंती मोहनदास करमचंद गाँधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर का अवसर भारत में मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय त्यौहार है। उन्होंने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। उनके अच्छे कर्मों को याद करने और सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष गाँधी जयंती मनाई जाती है। यहाँ हम गाँधी जयंती पर कविता का संग्रह शेयर कर रहे है जो महात्मा गाँधी को सम्मान देने और उनके अच्छे कार्यों को याद करते हुये लिखी गयी हैं। गाँधी जयंती पर कविता – Mahatma Gandhi Jayanti Poem in Hindi 2025.

Gandhi Jayanti Poem in Hindi

महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने पूर्ण समर्पण और आत्मविश्वास के साथ ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराया और दुनिया को साबित कर दिखाया की स्वतंत्रता अहिंसा के साथ हासिल की जा सकती है। सत्य और अहिंसा उनकी वो ताकत थी जिसके सामने क्रूर अंग्रेजों के घुटने टूट गये।

महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 October 1869 ईस्वी को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। गांधीजी ने अपने जीवन के हर संकट में सच्चाई का साथ दिया और अहिंसा का पालन किया और सभी को इनका पालने करने के लिए प्रेरित किया।

यहाँ हम गाँधी जयंती पर हिंदी कविताएँ शेयर कर रहे है। आप इन्हें अपने स्कूल, कॉलेज में गाँधी जयंती के अवसर विभिन्न प्रतियोगिताओं में पढ़कर बापू के प्रति सम्मान व्यक्त कर सकते हैं।

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महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2025 गांधी जयंती पर कविता हिंदी में:

2 अक्टूबर खास बहुत है इसमें है इतिहास छिपा,
इस दिन गाँधी जी जन्मे थे दिया उन्होंने ज्ञान नया,
सत्य अहिंसा को अपनाओ इनसे होती सदा भलाई,
इनके दम पर गाँधी जी ने अंग्रेजों की फौज भगाई,
इस दिन लाल बहादुर जी भी इस दुनिया में आये थे,
ईमानदार और सबके प्यारे कहलाये थे,
नहीं भुला सकते इस दिन को ये दिन तो है बहुत महान,
इसमें भारत का गौरव है इसमें तिरंगे की शान हैं।

गांधी जयंती 2025, 2 अक्टूबर पर कविता हिंदी में

राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो सभी प्यार से कहते बापू,
तुमने हमको सही मार्ग दिखाया सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया,
हम सब तेरी संतान है तुम हो हमारे प्यारे बापू।
सीधा सादा वेश तुम्हारा नहीं कोई अभिमान,
खादी की एक धोती पहने वाह रे बापू तेरी शान।
एक लाठी के दम पर तुमने अंग्रेजों की जड़ें हिलायी,
भारत माँ को आजाद कराया राखी देश की शान।

महात्मा गांधी जयंती पर हिंदी कविता

गौरों की ताकत बाँधी थी गाँधी के रूप में आंधी थी,
बड़े दिलवाले फकीर थे वो पत्थर के अमिट लकीर थे वो,
पहनते थे वो धोती खादी रखते थे इरादें फौलादी,
उच्च विचार और जीवन सादा उनको प्रिय थे सबसे ज्यादा,
संघर्ष अगर तो हिंसा क्यों खून का प्यासा इंसा क्यों,
हर चीज का सही तरीका है जो बापू से हमने सिखा है,
क्रांति जिसने लादी थी सोच वो गाँधी वादी थी,
उन्होंने कहा करो अत्याचार थक जाओगे आखिरकार,
जुल्मों को सहते जाएंगे पर हम ना हाथ उठाएंगे,
एक दिन आएगा वो अवसर जब बाँधोगे अपने बिस्तर,
आगे चलके ऐसा ही हुआ गाँधी नारों ने उनको छुआ,
आगे फिरंग की बर्बाद थी और पीछे उनकी समाधि थी,
गौरों की ताकत बाँधी थी गाँधी के रूप में आंधी थी।

गांधी जी पर कविता

मैया मेरे लिए मँगा दो छोटी धोती खादी की,
जिसे पहन मैं नकल करूँगा प्यारे बाबा गाँधी की।
आँखों में चश्मा पहनूँगा कमर पर घडी लटकाऊँगा,
छड़ी हाथ में लिये हुये मैं जल्दी जल्दी आऊँगा,
लाखों लोग चले आयेंगें मेरे दर्शन पाने को,
बैठूँगा जब बीच सभा में अच्छी बात सुनाने को।

बापू पर कविता

सच्चाई का लेकर शस्त्र और अहिंसा का लेकर अस्त्र,
तूने अपना देश बचाया गौरों को था दूर भगाया,
दुश्मन को भी प्यार दिया मानव पर उपकार किया,
गाँधी करते तुझे नमन तुम्हें चढ़ाते प्रेम सुमन।

Gandhi Jayanti Hindi Poem 2025

आँखों पर चश्मा हाथ में लाठी और चेहरे पर मुस्कान,
दिल में था उनके हिंदुस्तान,
अहिंसा उनका हथियार था,
अंग्रेजों पर भारी जिसका वार था,
जात-पात को भुला कर वो जीना सिखाते थे,
सादा हो जीवन और अच्छे हो विचार,
बड़ो को दो सम्मान और छोटो को प्यार,
बापू यही सबको बताते थे,
लोगों के मन से अंधकार मिटाते थे,
स्वच्छता पर वे देते थे जोर,
माँ भारतीय से जुड़ी थी उनकी दिल को डोर,
ऐसी शख्सियत को हम कभी भूला ना पाएंगें,
उनके विचारों को हम सदा अपनायेंगे।

बच्चों के लिए गांधीजी के सम्मान में कविता

माँ खादी की चादर दे दो मैं गाँधी बन जाऊँगा,
सभी मित्रों के बीच बैठकर रघुपति राघव गाऊंगा,
निक्कर नहीं धोती पहनूँगा खादी की चादर ओढुंगा,
घड़ी कमर में लटकाऊँगा सैर-सवेरे कर आऊँगा,
कभी किसी से नहीं लडूंगा और किसी से नहीं डरूंगा,
झूठ कभी भी नहीं कहूँगा सदा सत्य की जय बोलूँगा,
आज्ञा तेरी मैं मानूंगा सेवा का प्रण मैं ठानूंगा,
मुझे रूई की बुनी दे दो चरखा खूब चलाऊंगा,
गाँव में जाकर वहीँ रहूँगा काम देश का सदा करूँगा,
सब से हँस-हँस बात करूँगा क्रोध किसी पर नहीं करूँगा,
माँ खादी की चादर दे दो मैं गाँधी बन जाऊंगा।

Short Poem on Gandhi Jayanti in Hindi

गांधीजी का चश्मा अद्भुत् और निराला,
देखा जिसने स्वतंत्र भारत का भविष्य उजियाला,
गांधीजी के चश्मे ने देखी कई अनोखी बातें,
हम भी सोचे और समझे और अपनाये,
उनकी दी हुई सिखे।

सच्चाई की राह पर चलकर ही मिसाल बन सकते हो,
तलवार और बंदूक बिना भी बुराई से लड़ सकते हो,
भीड़ की तरह बनने की जरूरत नहीं,
जज्बा है तुममें भी तो अकेले ही दुनिया बदल सकते हो।

Gandhi Jayanti Par Kavita hindi mein

जरूरी अगर है ईश्वर की भक्ति,
तो उतनी है जरूरी है स्वच्छता और सादगी।

कपड़े बदलने से भीतर नहीं बदलेगा,
बुरा न देखो, बुरा ने बोलो, बुरा ने सुनने से बदलेगी जिंदगी।

Gandhi Jayanti 2 October Poem in Hindi

दो अक्टूबर प्यारा दिन बापू जन्मे थे इस दिन,
अट्ठारह सौ उनहत्तर वर्ष प्यारा सबसे न्यारा दिन,
सत्य मार्ग पर चलते थे नहीं किसी से डरते थे,
हक़ की खातिर दृढ़ होकर अनशन भी वो करते थे,
रूई से सूत बनाते थे चरखा नित्य चलाते थे,
अपनाओ उत्पाद स्वदेशी सबको यही सिखलाते थे,
शांति अहिंसा को अपनाया सत्य प्रेम जग में फैलाया,
हिंसा से जो दूर रहे कायर नहीं ये समझाया।

वैष्णव जन तो तेने कहिये गाकर पीड़ा भोगी,
ईश्वर अल्लाह तेरा नाम भजकर हुआ वियोगी,
कुछ कहते है भारत की आत्मा कुछ कहते है संत,
बापू से बन गया महात्मा साबरमती का संत,
सत्य अहिंसा की मूरत वह चरखा खादी वाला,
आजादी के रंग में जिसने जग को ही रंग डाला।

Gandhi Jayanti 2025 Poem in Hindi

आजादी के आप पुरोधा भारत की पहचान हो बापू,
नाम तुम्हारा सदा अमर है सूरज की संतान हो बापू,
सदा सत्य के रहे पुजारी करुणा की जलधार हो बापू,
दिनों के तो सेवक हो और दुखियों के भरतार हो बापू,
जन्म दिवस पर कोटि नमन हर साँस तुम्हें अर्पण हो बापू,
सदा तुम्हारी कीर्ति शेष है हर युग का दर्पण हो बापू,
आजादी के आप पुरोधा भारत की पहचान हो बापू,
नाम तुम्हारा सदा अमर है सूरज की सन्तान हो बापू।

Gandhi Ji Poem in Hindi

सत्य अहिंसा के ये पुजारी दोनों शस्त्र थे इनके भारी,
दिमाग से ऐसा काम लिया हारी शत्रु की सेना सारी,
इनको लगा ना बिलकुल डर जबकि शत्रु था ताकतवर,
बड़े गजब के थे नुस्खे भागा दुश्मन घर अपने,
किया विदेशी को मजबूर भगा उन्होंने बाजी मारी,
दिमाग से ऐसा काम लिया हारी शत्रु की सेना सारी।

यह थी बापू जी के सम्मान में गांधी जी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर कुछ कविताएं।

महात्मा गाँधीजी एक सूरज के समान थे जिसने अपने विचारों से देश को रोशन किया। उन्होंने अपने विचारों से देश में क्रांति की अलख जलाई और स्वतंत्रता का परचम लहराया।

अंतिम शब्द,

आज भी बापू का नाम लेते ही मन में सत्य और अहिंसा की भावना जागती है। गांधीजी एक ऐसी शख्सियत थे जिसे हम कभी भुला नहीं पाएंगें। हम हर साल उनके जन्मदिन के अवसर गाँधी जयंती पर उनके महान कार्यों और बलिदान को याद करते है।

लेकिन सिर्फ याद करके हम उन्हें सम्मान नहीं दे रहे है। हमें उनके गुणों को अपनाना होगा और अपनी आने वाली युवा पीढ़ी को उन से अवगत कराना होगा, यही बापू के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

उस महान आत्मा को शांति तब मिलेगी जब हम उनके विचारों को अपनायेंगे। आज से ही सत्य और अहिंसा का पालन करने का प्रण लें।

अगर आपको महात्मा गांधी जी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर पर शायरी चाहिए तो नीचे वाला आर्टिकल में जाएं। इसमें आपको गांधीजी के सम्मान में लिखी गई शायरी कलेक्शन हिंदी में मिल जाएगी।

यह भी पढ़ें:

अगर आपको बापू के जन्म दिवस 2 अक्टूबर पर गांधी के सम्मान में गांधी जयंती पर हिंदी कविता पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें।

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About Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

Comments ( 10 )

  1. Kavita Meena

    This is good poem to the mahatma Gandhi thanks to sharing this post
    Mahatma Gandhi ने हमें हिंसा और अहिंसा का महत्व बताया है

  2. Ayesha khan

    Dear sir I also write Pls can I send my poems to you

    • जुमेदीन खान

      हां बिलकुल सेंड कर सकते हो आपकी poem add कर दी जाएगी

  3. Manmohan Panda

    Good Poems you have written
    I am a music Composer
    Your two songs already completed
    One is updated in SWARDHAM ON-LINE CHANNEL. PLEASE VISIT AND GIVE YOUR VALUABLE COMMENTS
    GOD BLESS YOU

  4. Pravin Kumar Yadav

    Bahot aachi kavita likhi hai jamshed bhai ham dua karege ki aise hi aap likhe aur bahot tarakee kare

    • Sanjay

      Sir poem is the best

  5. kavi sadeswar lal

    Mr. jamshed me bhi ak kavi hu or writer bhi hu apne bhot acci kavita likhi h or insahala aage bi likhe or unnti karte rhoge
    allatala tum ko numayndgi bkse ap muje contect jrur kre ak bar muje ap se bat kr ke bhot khusi hogi

  6. rajat

    sir ye poem aapne khud he likhi hai ya kisi ki likhi hui he aapne use ki hai

  7. Thakur Aman Singh

    this is good poem to the mahatma gandhi thanks to sharing this post

  8. Vinay Kumar

    Nice bhai. Mahatma gandhi jinda baad

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