एक समय था जब इन्टरनेट पर लगभग हर सभी content लिखित में था था, लेकिन समय के साथ इन्टरनेट बदलता गया और हम text content की तुलना में Videos, Podcasts, Infographics, Animations का उपयोग ज्यादा करने लगे। अब विडियो कंटेंट और ऑडियो कंटेंट टेक्स्ट कंटेंट से ज्यादा popular हो रहा है। इससे एक सवाल पैदा होता है कि लेखन सामग्री (Written content) का भविष्य (Future) क्या होगा? क्या ये ख़त्म हो चूका है या ख़त्म हो जायेगा? इसी के बारे में हम इस post में विस्तार से चर्चा करेंगे।
लोगो कि रूचि विडियो में ज्यादा होने से YouTube दिन प्रतिदिन आगे बढ़ता गया और अब तो यह हाल है कि आप गूगल में कोई भी query सर्च करोगे तो उसमें कोई ना कोई वीडियो जरूर तो होगा।
जैसे-जैसे video content की popularity बढ़ती गई वैसे-वैसे written content की value कम होती गई और इसका सबसे ज्यादा नुकसान bloggers को हुआ।
इस सबको देखते हुए बहुत से ब्लॉगर ने Vlogging और Podcasting शुरू कर दी। अपने आर्टिकल में videos include करना शुरू कर दिया।
इससे नए ब्लॉगर के मन में एक सवाल खड़ा हो गया कि उसके ब्लॉग का फ्यूचर क्या होगा। वह अगर अपने ब्लॉग के लिए vlog, podcast, video embedded नहीं करेगा तो क्या होगा?
इसी शब्द को ध्यान में रखते हुए आज हमने Is Written Content Dead? का यह आर्टिकल लिखा है ताकि हम उन ब्लॉगर को सच्चाई से वाकिफ करा सकें।
Table of Contents
क्या लिखित सामग्री का अंत होने वाला है? Written Content का भविष्य क्या है?
टेक्नोलॉजी हमेशा एक और नया संचार माध्यम प्रदान करती है। जैसे पहले समाचार पत्र और पत्रिकाएँ फिर रेडियो, टेलीविजन, सीडी, डीवीडी, ऑडियो स्ट्रीमिंग और अब वीडियो स्ट्रीमिंग और पॉडकास्ट।
वीडियो निश्चित रूप से अभी लोकप्रिय है और अब Podcast भी लेकिन ऐसा नहीं है की अब बाकियों का the end हो गया है, अभी भी इन सभी का इस्तेमाल होता है।
विडियो कंटेंट इसीलिए भी पोपुलर है क्युकी अब हमारे पास बैंडविड्थ और उपकरण हैं जो वीडियो बनाना और वितरित करना संभव बनाते हैं। दूसरी वजह fast internet का आ जाना भी है।
लेकिन मेरा मानना है कि जिस तरह लिखित सामग्री का हमेशा वास्तविक दुनिया में स्थान होता है, उसी तरह ऑनलाइन भी इसका स्थान है और हमेशा होगा।
बहुत से लोग अभी भी लिखित सामग्री पसंद करते हैं। अभी भी ऐसे है जिनके पास धीमा इन्टरनेट है या फिर वो अपना इन्टरनेट डाटा फुकना नहीं चाहते है।
हां, अब Google अपने खोज परिणामों में वीडियो और अन्य दृश्य माध्यमों को शामिल करता है, जिसकी वजह से written content की popularity कम हुयी है।
आपको बता दे कि लिखित सामग्री विडियो कंटेंट कि तुलना में अधिक scannable होती है। जैसे कि आप पाठ के किसी पृष्ठ में किसी शब्द या वाक्यांश को आसानी से खोज सकते हैं।
वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग में विशिष्ट जानकारी प्राप्त करना बहुत कठिन होता है। जब तक कि निर्माता ने या तो एक ट्रांसक्रिप्ट या समय कोड के साथ एक सूचकांक प्रदान नहीं किया हो।
और लिखित सामग्री बनाना आसान है। हां, ऑडियो और वीडियो उपकरण खरीदना और उपयोग में आसान बनाना सस्ता होता जा रहा है। लेकिन अभी भी इसे स्थापित करने और इसका उपयोग करने का तरीका जानने में समय लगता है।
वहीँ, ब्लागस्पाट या वर्डप्रेस दस्तावेज़ खोलना और संपादक में सीधे टाइप करना बहुत आसान होता है। एक यूट्यूब चैनल कि शुरुआत करने कि तुलना में ब्लॉग स्टार्ट करना आसान होता है।
एक और सबसे जरुरी बात written content में ऑडियो और वीडियो की तुलना में शब्दों को बदलना (Edit करना) बहुत आसान है। कभी-कभी जब मैं पॉडकास्ट एपिसोड सुनता हूं या विडियो देखता हु तो उनमे गलती होती है तो लोग डिस्क्रिप्शन में या कमेंट सेक्शन में उसके लिए sorry बोलते है।
बेशक इसे सुधारा जा सकता है, लेकिन audio or video को edit करने की तुलना में text content को edit करने और उसमे हुयी spelling mistake या अन्य मिस्टेक को बड़ी आसानी से ठीक किया जा सकता है।
अब मैं यह नहीं कह रहा हूं कि लिखित शब्द इंटरनेट पर संचार के लिए सबसे अच्छा माध्यम है। और मैं निश्चित रूप से यह भी नहीं कह रहा हूं कि यह एकमात्र माध्यम होना चाहिए।
विडियो वास्तव में अच्छा है और विडियो कंटेंट के माध्यम से किसी टॉपिक को समझाना या दिखाना बेहतरीन होता है, लेकिन अभी भी लोग सिखने के लिए written content, books इत्यादि का इस्तेमाल करते है।
अगर आप YouTube पर देखोगे तो knowledgeable यानी learning videos पर बहुत कम views आते है, जबकि entertainment videos पर लाखो, करोड़ो views होते है।
इसका मतलब लोग विडियो को सिखने से ज्यादा एंटरटेनमेंट के लिए देखते है। और फिर आप इस बात से इनकार नहीं कर सकते है कि अभी भी कुछ ऐसे महान लेखक है जो क़माल का लिखते है।
वो इतना अच्छा लिखते है कि उनकी लेखन सामग्री में जादू होता है और ऑडियंस बेसब्री से उनके आर्टिकल का इन्तजार करते है। अत: हम कह सकते है कि लिखित सामग्री का भविष्य भले ही उज्ज्वल न हो लेकिन ये हमेशा रहेगा। जो व्यक्ति अच्छा लेखक है उनके पास हमेशा पाठक होंगे।
अंतिम शब्द,
लिखित शब्द सदियों से है और हमेशा रहेगा। यह आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना कि पहले था। लेकिन हमे समय के साथ चलना होगा और बदलाव को अपनाना होगा। मैं आपको लिखित सामग्री के साथ ऑडियो, वीडियो और दृश्य सामग्री को अपनाने कि सलाह दूंगा।
जिस तरह किताबें रहेगी, इंटरनेट पर टेक्स्ट कंटेंट भी रहेगा। मेरा मानना है कि लिखित सामग्री में हमेशा एक स्थान होगा, या तो एक विकल्प या एक वृद्धि के रूप में।
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तुम क्या सोचते हो? क्या लिखित सामग्री डायनासोर के रास्ते पर जाएगी? या यह हमेशा इंटरनेट का हिस्सा रहेगा? हमें टिप्पणियों में बताएं।
ये बात सत्य है कि लोग वीडियो में समझना आसान समझते है, वीडियो कम पढ़ा लिखा भी समझ सकता है , जबकि ब्लॉग में लिखी सामग्री को पढ़ना पड़ता है ,इमेज व्यक्ति के मस्तिष्क में तेजी से पहुंचती है ,वीडियो में प्रस्तुतकर्ता सामने होता है ख़ुद साइड में अपनी तस्वीर रख कर बगल में उस विषय को प्रैक्टिकल रूप में समझाता है तो अच्छी तरह समझ मे आता है ,पर केवल वीडियो पर्याप्त नहीं क्योंकि उसको बैक करके पॉज करके बार बार देखना पड़ता है ,उसका पूरक है लिखित सामग्री वाले ब्लॉग और साइट , ब्लॉग के दो हजार शब्द को समझाने के लिए 10 मिनट से बड़ी वीडियो बनेगी ,जो उबाऊ होगी , इस लिए दोनों विधा जिंदा रहेंगी ।
उदाहरण मैंने ब्लॉग की शुरुआत की तो हर जानकारी के लिए मुख्यता एक यू ट्यूब चैनल techno vedant और एक ब्लॉग support me india से समझ समझ कर आगे बढ़ा ,और आज भी यही कर रहा हूँ।
Ye bahut hi useful article tha thank you
Sahi kaha sir apne ab blogger ko video content bhi banana chahiye
लेखन सामग्री का भविष्य है। पर अब यह लेखक के ऊपर है कि वे किस तरह लिख रहे और क्या लिख रहा है। ब्लॉगिंग पर अब वही सफल होंगे जो अच्छी और नई कंटेंट प्रकाशित करेंगे।
Very nice useful article...
Video ka bhavishya jyda nhi hoga kyuki isne logo ka karcha jyda hota hai aur data jyda lagta hai sirf entertainment ke liye tik hai
मेरा डाउट क्लियर कर दिया आपने सर ओर एक बार फिर से डूबती नैया को बचा लिया आपने आपका तहे दिल से शुक्रिया.
Sir ji aap article khud likhte ho ya fir content writer hire Karte ho. Yadi hire karte ho to kaha se??
दोनों
लेखन कला कभी भी विलुप्त नही होगी फिर चाहे कितनी भी वीडियो स्ट्रीमिंग साइट आ जाये या फिर पॉडकास्ट।
आज के टाइम में आप न्यूज़पेपर को ही देख लीजिये भले ही जमाना Online आ गया लेकिन आज भी न्यूज़पेपर ने अपना विशिष्ट स्थान बरकरार रखा है और ब्लॉग भी उसी तरह से रहेगा।
बिल्कुल आपने सही कहा
अन्य विडियो तकनीक कितना भी अधिक विकास कर लें, लेकिन वह कभी भी लेखन सामाग्री की तुलना नही कर सकते है। आपने लिखित सामग्री का Future क्या होगा? के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है।